FATF ने पाकिस्तान को दी अक्टूबर तक आतंकियों पर कार्रवाई करने की मोहलत, कार्रवाई न होने पर नॉर्थ कोरिया की तरह होगा ब्लैकलिस्ट
   22-फ़रवरी-2019
 
 
द फायनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में रखने का फैसला किया है और पाकिस्तान को अक्टूबर तक आतंकियों और संगठनों पर कार्रवाई करने की मोहलत दी है। ऐसा न करने पर FATF पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर सकता है। हालांकि पुलवामा हमले के बाद भारत टेरर फंडिग का हवाला देते हुए पाकिस्तान को अभी ही ब्लैकलिस्ट करने की मांग कर रहा था। पुलवामा हमले के बाद इसके लिए FATF में भारत ने काफी दबाव बनाया था कि कैसे पाकिस्तान टेरर फंडिंग में शामिल है। लेकिन पाकिस्तान की माली हालत को देखते हुए FATF ने कुछ और महीनों की मोहलत दे दी। दरअसल FATF ने पाकिस्तान को ग्रे-लिस्ट में ठीक एक साल पहले ही डाल दिया था। इस लिस्ट में इथोपिया, घाना, यमन, श्रीलंका, ट्यूनीशिया जैसे देश हैं।
 

 
 
 
दरअसल FATF यानि द फायनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स 37 प्रमुख देशों की सरकारों का एक ग्रुप है। जो टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ तमाम सदस्य देशों को रेगुलेट करता है। पाकिस्तान फिलहाल इसी की ग्रे-लिस्ट में है, जिसका मतलब है कि पाकिस्तान के प्रति तमाम देशों को चेतावनी दी गयी है और उसकी एक्टिविटीज़ पर नज़र रखी जा रही है।
 
 
 
जून, 2018 में पाकिस्तान ने FATF और एशिया पैसिफिक ग्रुप में हाई-लेवल पॉलिटिकल कमिटमेंट किया था कि वो टेरर-ग्रुप की फंडिंग को रोकने को लेकर स्ट्रैटेज़ी बनायेगा। पाकिस्तान ने कहा था उनके देश की लॉ-इन्फोर्समेंट एजेंसियां इन टेरर ग्रुप और उनकी फंडिंग की जांच कर रही है। लिहाजा उनको थोड़ा वक्त चाहिए। हालांकि पाकिस्तान अब तक इसके बाद कार्रवाई करने में नाकाम रहा है। देखना ये है कि क्या पाकिस्तान अक्टूबर तक कोई कार्रवाई करता है या उनको नॉर्थ कोरिया और ईरान की तरह ब्लैकलिस्ट कर दिया जायेगा।