ये हैं बालाकोट में मारे गये जैश-ए-मोहम्मद 5 खूंखार और मसूद अजहर के 5 रिश्तेदार आतंकी
   26-फ़रवरी-2019
 
इंडियन आर्मी ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद को तबाह कर दिया। जिसमें जैश के 350 आतंकी एक साथ मारे गये। जिनको आईएसआई ने भारतीय हमले से बचाने के लिए इस कैंप में छिपा रखा था। लेकिन मिराज 2000 के हमले में पूरा कैंप कुछ ही पल में नेस्तानाबूद हो गया। इस हमले में न सिर्फ आत्मघाती हमलावरों की एक फौज एक ही झटके में हलाक हो गयी। बल्कि जैश के खास ट्रेनर भी इस हमले में मारे गये। लेकिन सबसे बड़ी जीत इस हमले में ये हुई कि इसमें जैश-ए-मोहम्मद के 5 मोस्ट वांटेड टॉप लीडर मारे गये। जोकि मसूद अजहर के बाद जैश-ए-मोहम्मद का पूरा आतंक का नेटवर्क संभालते थे। ये तमाम मसूद अजहर के रिश्तेदार भी थे। ये हैं इनकी पहचान-
 
 
1. मौलाना अम्मार- जैश के आका मसूद अजहर का भाई, जो कश्मीर और अफगानिस्तान में आतंकी वारदातों से जुड़ा रहा है।
 

 
 
2. मौलाना तल्हा सैफ- मसूद अजहर का भाई और प्रचार विभाग का प्रमुख
 

 
 
3. मुफ्ती अजहर खान कश्मीरी- कश्मीर ऑपरेशन का प्रमुख
 
 

 
 
 
4. इब्राहीम अजहर- मौलाना मसूद अजहर का बड़ा भाई 
 


 
 
5. यूसुफ अजहर- मसूद अजहर का साला और प्रशिक्षण केंद्र का प्रमुख
 
 
 
 
खैबर पख्तूनख्वा के बालाकोट में कैंप का संचालन मसूद अजहर का निगरानी में मौलाना यूसुफ अजहर कर रहा था। उसका दूसरा नाम उस्ताद गौरी भी है, वो रिश्ते में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का साला है। वो काफी समय से जैश के साथ काम कर रहा था। लेकिन वो कभी लाइम लाइट में नहीं आता था। 1999 में कंधार विमान अपहरण में यूसुफ अजहर शामिल था। वो अपहरणकर्ताओं की टीम को लीड कर रहा था। मसूद को छुड़ाने के बाद वो जैश में भर्ती का काम देख रहा था। बाद में मसूद अजहर ने उसे संगठन में अहम जिम्मेदारी दी। उसे बालाकोट में मौजूद आतंकी ट्रेनिंग कैंप की जिम्मेदारी दी गई। यूसुफ मंगलवार को इंडियन एअर फोर्स के हमले में मारा गया। उसके साथ ही जैश के कई टॉप कमांडर और ट्रेनर भी मारे गए।
 
 
ये देखिए बालाकोट जैश कैंप का पुराना वीडियो, जिसमें आतंकी आग में कूदने के करतब दिखा रहे हैं।
 
 
 
 
विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि विश्वसनीय खुफिया जानकारी मिली थी कि 12 दिन पहले पुलवामा हमले को अंजाम देने के बाद जैश-ए-मोहम्मद भारत में एक और आत्मघाती आतंकी हमला करने की साजिश रच रहा है। उन्होंने कहा कि इस जानकारी के बाद सीमा के दूसरी ओर जैश ए मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी शिविर पर गैर-सैन्य एकतरफा हमले किए गए।