लद्दाख बना जम्मू कश्मीर का तीसरा डिविज़न, राज्यपाल ने लगाई मुहर, पूरी की दशकों पुरानी मांग
   08-Feb-2019
 
 
लेह-कारगिल जिलों में रहने वाले लोगों के लिए ये खबर किसी वरदान से कम नहीं है। यहां के लोगों की दशकों से मांग थी, कि लद्दाख को अलग डिविज़न का दर्जा दिया जाये। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने लोगों की इन मांग को आखिरकार पूरा कर ही दिया, जो चुनी हुई सरकार जानबूझकर लटका कर रखे हुईं थी। राज्यपाल की मुहर के बाद लद्दाख आधिकारिक रूप से जम्मू और कश्मीर डिविज़न के बाद तीसरा डिविज़न बन गया। लद्दाख इससे पहले कश्मीर डिविज़न का हिस्सा था।
 
राज्यपाल की मुहर के बाद इस डिविज़न का प्रशासनिक और रेवेन्यू मुख्यालय लेह में होगा, जिसके बनने की तैयारी शुरू कर दी गयीं हैं। अब लेह में एक अलग डिविज़नल कमिश्नर और इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस का पद होगा, इनके ऑफिस होंगे। साथ ही प्रिंसिपल सेक्रेटरी के निगरानी में एक टीम बनायी गयी है, जोकि अन्य प्रशासनिक विभागों के डिविज़नल ऑफिस, उसके अधिकारियों और स्टाफ की नियुक्ति और लागू करने का काम देखेंगे। इससे न सिर्फ लोगों को सुविधा होगी, बल्कि इससे क्षेत्रीय विकास में बढोत्तरी होगी। मुख्यालय खुलने से आसपास बिजनेस की संभावनाएं भी बढेंगी।
 

 
लेह-कारगिल में बढ़ेगी विकास की संभावनाएं
 
 
क्यों ज़रूरी था अलग डिविज़न
 
 
इससे पहले लेह और कारगिल जिलों के लोगों को प्रशासनिक काम के लिए सैंकड़ों किमी श्रीनगर जाना पड़ता था। दुर्गम भौगोलिक विभिन्नता और टॉपोग्राफी के चलते लोगों के लिए ये बेहद मुश्किल भरा था। खासतौर पर सर्दियों में लद्दाख क्षेत्र राज्य और देश के बाकी हिस्सों से कट जाता था। इस दौरान कश्मीर पहुंचना असंभव होता था, जिसके चलते लद्दाख क्षेत्र पूरी तरह से पंगू हो जाता था। न तो लोग और न ही अधिकारी लोगों तक पहुंचा पाते थे। लिहाजा लोगों की सालों से मांग थी, कि लद्दाख को अलग डिविज़न का दर्जा दिया जाये। लेकिन सत्ता में कश्मीर के नेता होने चलते उन्होंने कभी लद्दाख की तरफ ध्यान हीं नहीं दिया। लेकिन पद संभालने के कुछ ही दिन बाद राज्यपाल ने लद्दाख की समस्या को हल करने का बीड़ा उठाया था, जिसकी खबर सबसे पहले जम्मू कश्मीर नाउ ने आप तक पहुंचाई थी। आज राज्यपाल ने आखिरकार अपने वायदे को पूरा कर लद्दाख के लोगों को एक बड़ी सौगात दे दी, जिसके वो सालों से हकदार थे।
 
 
 
 
 
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