इस्लामिक देशों के संगठन OIC में सुषमा ने पढ़ाया धर्म का पाठ, नाम लिए बिना पाकिस्तान के खिलाफ की कार्रवाई की मांग
   01-मार्च-2019
 
 
भारत की विदेश मंत्री इस वक्त आबू धाबी में चल रहे इस्लामिक देशों के संगठन OIC की मीटिंग में हिस्सा ले रही हैं। कल तक चलने वाली इस मीटिंग में सुषमा गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर हिस्सा ले रही हैं। जिसके विरोध में पाकिस्तान पहली बार OIC की मीटिंग में शामिल नहीं है। सुबह विदेश मंत्री ने मीटिंग में अपना वक्तव्य दिया। जब पूरी दुनिया में इस्लामिक आतंकवाद अपने चरम पर हैं। ऐसे में सुषमा स्वराज ने इस्लामिक देशों के विदेश मंत्रियों को भारत में धर्म की परिभाषा और उसके सनातन इतिहास का पाठ पढ़ाया। अपने भाषण में सुषमा स्वराज ने कहा कि “दुनिया में आतंकवाद और अतिवाद बहुतेरे नामों और प्रतीकों से जाना जाता है, लेकिन हरेक केस ये खुद आगे बढ़ने के लिए धर्म के गलत स्वरूप का सहारा लेता है,उसका इस्तेमाल करता है। लिहाजा आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म विशेष के खिलाफ नहीं है।”
 
 
इसके बाद सुषमा स्वराज ने अपने भाषण में इस्लाम, सिख और सनातन धर्म हिंदु के उपदेशों का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी सभ्यता या धर्म के खिलाफ नहीं है। बल्कि ये मानवतावादी ताकतों और शैतानी शक्तियों के बीच का संघर्ष है।
 

 
इसके बाद सुषमा स्वराज ने आईओसी के मेंबर स्टेट पाकिस्तान का नाम लिए बिना उस पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए कार्रवाई की मांग की। सुषमा स्वराज ने कहा कि “इसी मानवता को बचाने के लिए हमें उन देशों को कहना होगा कि वो आतंकवाद को पनाह और पैसा देना बंद करे। उस देश में आतंक के अड्डों को हटाने और उनको फंड देने वाले जरियों को बंद करना होगा।”
 
 
साफतौर पर ये पाकिस्तान को कड़ा संदेश था, वो भी आईओसी के मंच से। हालांकि आपको बता दें कि इस मीटिंग में पाकिस्तान शामिल नहीं है। आज शाम को पाकिस्तान को भी एशियन देशों के प्रतिनिधि के तौर पर अपना पक्ष रखना था। लेकिन उनकी कुर्सी खाली दिखायी दी। दरअसल बिना पूछे भारत को मेहमान के तौर पर बुलाये जाने के पर पाकिस्तान नाराज है और 50 सालों के इतिहास में पहली बार इस मीटिंग का बायकॉट कर रहा है। मीटिंग के दौरान खाली पड़ी पाकिस्तान की चेयर- 


 
 
 
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