NIA के समन पर अलगाववादी मीरवाइज़ फारुख ने किया दिल्ली आने से इनकार, गिरफ़्तारी का डर या खुद को समझते हैं कानून से ऊपर?
   11-मार्च-2019

 
 
पुलवामा हमले के बाद सरकार ने जिस तरह से अलगाववादियों पर कार्रवाई की है, उसे लेकर अलगाववादियों में जबरदस्त घबराहट है। कार्रवाई से बचने की लिए उन्होंने मुस्लिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया है। ताज़ा मामला मीरवाइज़ उमर फारूख है, जिनको नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी ने टेरर फण्ड केस में पूछताछ के लिए दिल्ली दफ्तर में पहुंचने का समन भेजा था। लेकिन मीरवाइज़ ने अपने वकील के जरिये एक जवाब दाखिल कर दिल्ली जाने से मना कर दिया है। मीरवाइज़ के कॉउंसिल एजाज़ अहमद डार ने समन के जवाब में कहा है कि मीरवाइज़ सुरक्षा कारणों के चलते दिल्ली नहीं आ सकते। मीरवाइज़ ए कश्मीर होने के नाते घाटी में लोग उन्हें एक कश्मीर के धार्मिक लीडर के रूप में देखते हैं। लिहाज़ा उन पर कार्रवाई के विपरीत नतीजे हो सकते हैं।
 
 
ज़ाहिर तौर पर मीरवाइज़ ने अपने मुस्लिम कार्ड को खेलकर घाटी में माहौल बिगाड़ने की परोक्ष धमकी दी है। हालांकि मीरवाइज़ के कॉउन्सिल ने NIA को भेजे जवाब में कोई भी पूछ्ताछ श्रीनगर में आकर करने की बात की है।
 
इससे दो मायने साफतौर पर निकलते हैं, मीरवाइज़ को दिल्ली आने से डर लग रहा है, उनको डर है कहीं NIA उनको पूछताछ के बहाने गिरफ्तार कर तिहाड़ न भेज दे। जहां उनके कई साथी जैसे शब्बीर शाह पहले से बंद हैं। दूसरा मीरवाइज़ को गलतफहमी है कि मुस्लिम लीडर होने के नाते वो कानून से ऊपर हैं। जिसका उदाहरण वो पिछले 2 दशक से पेश करते रहे हैं। तमाम देशविरोधी अपराधों में शामिल होने के आरोपों के बावजूद उनपर कभी कार्रवाई नहीं हुई। लिहाज़ा एक बार फिर वो उसी हथियार का इस्तेमाल कर बच निकलना चाहते हैं। कि अगर उनको गिरफ्तार किया गया तो घाटी में हालात बिगड़ सकते हैं। वो ऐसा इसलिए भी सोच सकतेहैं क्योंकि महबूबा मुफ्ती जैसे नेता उनके पक्ष में खड़े हैं।
 अब देखना दिलचस्प होगा कि मीरवाइज़ के इस जवाब के बाद NIA कैसे कार्रवाई करती है।