हिंदुस्तान क्यों नहीं बन सकता इजराइल?
   12-मार्च-2019

 
 
भारत कई वर्षों से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से ग्रस्त है। आए दिन हमारे जवान आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद होते हैं। कभी मुंबई में ट्रेन ब्लास्ट,तो कभी गुजरात में अक्षरधाम मंदिर पर हमला, कभी दिल्ली में सरोजनी नगर पर हमला, तो कभी मुंबई में 26 /11 जैसा हमला, कभी हमारी पार्लियामेंट पर हमला, तो कभी पुलवामा में सीआरपीएफ की बस पर हमला।
 
पूरा देश आतंकवाद को पालने-पोसने वाले पाकिस्तान से नाराज़ है, आतंकवाद से गुस्से में है। लोग अपने-अपने तरीके से इस आतंकवाद का प्रतिरोध करना चाहते हैं। ऐसे में एक बहुत बड़ी संख्या में लोगों का यह मानना है कि भारत को आतंकवाद से ठीक वैसे निपटना चाहिए जैसे इजराइल निपटता है। हाल ही में पूर्व सेना अध्यक्ष और वर्तमान में विदेश राज्यमंत्री वी. के. सिंह ने फेसबुक पर एक पोस्ट साझा की जिसमें उन्होंने अपना मत प्रकट किया कि क्यों हिंदुस्तान इजराइल नहीं बन सकता।
 
अपनी इस पोस्ट में उन्होंने देश में ''टुकड़े गैंग'' पर तंज कसा और कहा ऐसे ही तत्वों की वजह से भारत इजराइल नहीं बन सकता।

 
 
यह पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी धूम मचा रही है इसलिए हम अपने पाठकों के लिए वी. के. सिंह की पोस्ट ज्यों की त्यों लेकर आए हैं जिसको पढ़ कर आप भी जानिए कि क्यों हिंदुस्तान इसराइल नहीं सकता
 
" हिन्दुस्तान इजराइल क्यों नहीं बनता... ?"
 
लोगों को आज प्रतिशोध चाहिए। बस मोदी टैंक लेके घुसे, और सब पाकिस्तानियों को ख़त्म कर दे। हम चाहते हैं, रातों रात इजराइल मोड में आ जाये।
 

 
 
 
नहीं, ऐसा नहीं होगा। मोदी है, तो मुझे पूरी अपेक्षा और विश्वास है की बदला होगा, भीषण होगा, सौ गुना हाहाकारी होगा। पर इंडिया इजराइल नहीं बन सकता, और ना ही बन पाएगा। छोटे से इजराइल पर आस पास के 10 देश अटैक कर दे, पर तब भी वो छः दिन के अंदर उन्हें धूल चटा कर वापस उन्हीं के घर में बिठा देता है। एक छोटे से देश पर कोई एक ग्रेनेड फेंकने से पहले 10 बार सोचता है, क्योंकि खुद पर हुए नुकसान से 10 गुना नुकसान वापस झेलना पड़ेगा।
 

 
 
 
भारत इजराइल क्यों नहीं बन सकता ??
क्योंकि इजराइल में कोई JNU नहीं जहां इजराइल के युवा 'इजराइल, तेरे टुकड़े होंगे' के नारे लगा सकें। इजराइल में कोई सरकार चुने जाने के दो महीने के अंदर किसी गंभीर आरोपों में घिरी नलिनी सुंदर नामक किसी नक्सली को क्लीन चिट नहीं देती।
 

 
 
 
क्योंकि इजराइल जब ऑपेरशन Munich करता है तो वहां का विपक्ष सबूत मांग कर देश व सेना को अपमानित नहीं करता ।

 
 
क्योंकि वहां ना तो आतंकवादियों के लिए रात दो बजे कोर्ट खुलते हैं और ना ही वहां के पत्रकार आतंकियों की लिए मानवाधिकार का रोना रोते हैं। और ना ही वहां के पत्रकार आतंकी को टेररिस्ट कहने के बजाय मिलिटेंट या उग्रवादी कहते हैं।
 

 
 
 
क्योंकि इजराइल के कोई जाट, गुर्जर, मराठा इजराइल की किसी पब्लिक प्रोपर्टी को नहीं जलाते। वहां देश सर्वोपरि होता है, जाति या धर्म नहीं।
 

 
 
 
क्योंकि वहां के नेता, सेनाध्यक्ष को कुत्ता, गुंडा नहीं कहते। टैक्सपेयर्स के पैसों पे पढ़ने वाले शेला रशीद या कन्हैया कुमार जैसे जोंक नहीं है वहाँ जो आर्मी को रेपिस्ट बताते फिरे ।
 

 
 
क्योंकि वहां के अभिनेता अपनी धरती पर जहां वो पैदा हुए हैं, जहां वो सफल हुए हैं, उस पर शर्मिंदा नहीं होते। असहिष्णुता का नाटक नहीं करते।
 

 
 
क्योंकि वहां लोग नेतन्याहू या उसकी पार्टी का विरोध करते करते इजराइल विरोधी नहीं हो जाते। यहाँ आपको सैकड़ो मिलेंगे जिनके मन में एक अजीब सी खुशी है कि बस इसी बहाने मोदी, भाजपा पर कीचड़ उछालेंगे, कि बहुत कूद रहे थे कि कोई आतंकवादी हमला नहीं हुआ।
 
क्योंकि कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ते और जातिवाद के चक्कर में इजराइल के लोग बॉर्डर से जुड़े राज्य, वो राज्य जहां सिमी या नक्सली पनपने का डर हो - आतंकवादियों और नक्सलियों के हिमायती को नहीं सौंपते ।
 

 
 
 
क्योंकि वहां के युवा देश तोड़ने की बातें नहीं करते, वहां के नेता ऐसे देश विरोधी लगाने वाले छात्रों के पीछे नहीं खड़े होते, और ना ही वहां की जनता किसी बात के लालच में आकर ऐसे नेताओं के पीछे खड़ी होती है। वहां का विपक्ष अपने धुर विरोधी ईरान में जाकर ये नहीं कहता कि आप नेतन्याहू को हटाने में हमारी मदद करो ।
 
आज जो पाकिस्तान को साफ करने की बात कर रहे हैं, और सच में युद्ध हो जाये तो प्याज-पेट्रोल-टमाटर महंगे हो गए तो सड़कों पर आ जायेंगे। दाल फ्राई खाने का शौकीन देश टमाटर महंगे होना नहीं सहन कर सकता ।
 
 
बरगद बन जाने की बातें करते हैं गमले में उगे हुए लोग।
 
नहीं बन सकते हैं हम इजराइल। क्योंकि इजराइल अपनी टेक्नोलॉजी, अपने आयुधों या हथियारों से इजराइल नहीं है। इजराइल अपने नागरिकों के कारण इजराइल है। और इसी तरह से भारत अपने 'नागरिकों' की वजह से ही भारत है। इसे कोई मोदी या अन्य कोई भी और आकर नहीं बदल सकता, जब तक हम ही नहीं दृढ़निश्चित हो।
 
आज शायद बाहर का तो पता नहीं, पर अंदर तो एक जबरदस्त सर्जिकल स्ट्राइक की आवश्यकता है। यदि ये नहीं हो पाया तो लुटेरे तो लूटने के लिए तैयार बैठे हैं।
 
वक़्त ये भी है कि हम इजराइल बनें, ताकि हमारे चुने हुए प्रतिनिधियों को विश्वास हो कि कुछ भी हो, देश की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए देश एक रहेगा, सिर्फ ऐसे युद्ध काल में ही नहीं, वरन हमेशा। नहीं तो ऐसे ही देश पर चोट दर चोट आती रहेगी ।
 
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