जम्मू कश्मीर में पिछले महीने आईएएस पद से इस्तीफा देकर शाह फैज़ल ने सनसनी मचा दी थी। सोशल मीडिया पर बताया गया कि जम्मू कश्मीर की राजनीति में क्रांति आने वाली है। शाह फैज़ल ने भी दावा किया कि वो केजरीवाल और इमरान खान जैसी राजनीति करना चाहते हैं। लेकिन सोशल मीडिया के बुलबुले असल धरातल पर फूटते नजर आ रहे हैं। 22 जनवरी को शाह फैज़ल ने एक ऑनलाइन चंदा इकठ्ठा करने की मुहिम शुरू की थी। सोशल मीडिया पर इसका जोरदार प्रचार किया गया। टारगेट रखा गया 70 दिनों में 70 लाख इकठ्ठा करने का। जिससे शाह फैज़ल की आगे की राजनीतिक रणनीति तय होती। लेकिन इस मुहिम को 52 दिन बीच चुके हैं और शाह फैज़ल सिर्फ 44,527 रूपये चंदा जमा कर पाये हैं। जोकि कुल टारगेट के 200वां हिस्से के बराबर भी नहीं है। पिछले 1 महीने में चंदे में सिर्फ 1 हजार रूपये का इजाफा हुआ है। 6 फरवरी को चंदे का आंकड़ा 43,305 रूपये था। Check current status here...
साफ है जिस इस्तीफे के बाद शाह फैज़ल ने जिस धमाके के उम्मीद की थी। जनता की राय में वो उम्मीद फुस्स होती नजर आ रही हैं। साफ है जनता अपनी मेहनत की पूंजी किसी घिसे-पिटे राजनीतिक ख्वाब पर लुटाने को कतई तैयार नहीं है और ये नज़ीर है इस बात की भी कि सत्ता और लोगों के दिलों तक जाने वाली राह उतनी आसान नहीं है। वो मुकाम बनाने के लिए अभी बड़े पापड़ बेलने पड़ेंगे।