चीन ने सुरक्षा परिषद् में फिर दिखाया असली रंग, जैश-ए-मोहम्मद को आतंकी संगठन घोषित करने के प्रस्ताव को करेगा वीटो!!
   13-मार्च-2019
 
 
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में चीन ने एक बार फिर जैश-ए-मोहम्मद को आतंकी संगठन घोषित करने के प्रस्ताव पर स्थायी सदस्य चीन वीटो करने के मूड में है। जिसका मतलब ये है कि जैश-ए-मोहम्मद चौथी बार फिर से आतंकी संगठन घोषित नहीं किया जा सकेगा।  UNSC 1267 Sanctions कमेटी की बैठक से पहले चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने एक बयान जारी कर साफ संकेत दिये हैं कि चीन यूएनएससी में एक बार फिर जैश-ए-मोहम्मद को बैन करने का विरोध करेगा। Read China's response-
 

 
 
साफ है चीन सीधे तौर पर बैन लगाने से बच रहा है और उचित माहौल बनाने की बात कर रहा है। आपको बता दे कि चीन 3 3 बार पहले भी सबूतों के अभाव को मुद्दा बनाते हुए बैन का विरोध कर चुका है। चीन इस बार भी पाकिस्तानी आतंकवाद का साथ दे रहा है। जबकि अन्य स्थायी सदस्य फ्रांस, अमेरिका, यूके और रूस ने जैश-ए-मोहम्मद को बैन करने के प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं। सुरक्षा परिषद् के अध्यक्ष देश फ्रांस ने UNSC 1267 Sanctions कमेटी में जैश-ए-मोहम्मद को बैन करने और मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने का प्रस्ताव रखा है।
 
 
चीन पर दबाव बनाने के लिए US Department of State के उप-प्रवक्ता रॉबर्ट पालैडिनो ने बयान दिया था कि “यूएस और चीन का दक्षिण एशिया में शांति और स्थायित्व बनाने का साझा लक्ष्य है, और मसूद अजहर के आतंकी घोषित न होने की स्थिति में इस लक्ष्य को झटका लगेगा।“
 
 
पुलवामा हमले के बाद दुनिया के तमाम देशों ने जैश-ए-मोहम्मद के हमले की निंदा की थी, और पाकिस्तान को जल्द से जल्द जैश-ए-मोहम्मद कर कार्रवाई का दबाव बना हुआ था। हालांकि इस मुहिम में कोई अड़ंगा ना लगे इसको लेकर भारत इस बार पुख्ता तैयारी की है और सूत्रों के मुताबिक UNSC में कई पुख्ता सबूत पेश किए गये हैं। क्योंकि चीन हमेशा सबूतों के अभाव का हवाला देकर ही अडंगा लगाता रहा है। 
 
UNSC 1267 Sanctions कमेटी की ये बैठक आज रात करीब 1.30 बजे होनी है।