यासीन मलिक को बड़ा झटका, सीबीआई की मांग पर J&K हाई कोर्ट ने किये तमाम केस जम्मू ट्रांसफर
   13-मार्च-2019

 
 
यासीन मलिक पर कानून का फंदा धीरे-धीरे सख्त होता जा रहा है। लगभग 30 साल पुराने मर्डर और किडनैपिंग के केस की फाइल सीबीआई ने पहले ही खोल दी थी। अब सीबीआई की मांग पर जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने तमाम केसों की सुनवाई जम्मू ट्रांसफर का आदेश दे दिया है। पिछले 30 सालों से यासीन मलिक अपने आतंकी नेक्सस के चलते कश्मीर घाटी में निचली अदालतों से राहत पाता रहा था। राजनीतिक पार्टियों में रसूख के चलते राज्य सरकारों ने भी कभी यासीन मलिक पर कार्रवाई की पहल नहीं की थी।
 
 
लेकिन पुलवामा हमले के बाद केंद्र सरकार ने अलगाववादियों पर नकेल कसनी शुरू की। पहले तमाम अलगाववादियों की सुरक्षा हटाई, फिर उनकी रीढ़ जमात-ए-इस्लामी पर बैन लगाया और अब तमाम आपराधिक केसों में फाइलें फिर से खोल दीं गयी।
 
 
आपको बता दें कि सीबीआई ने हाईकोर्ट से अपील की थी, कि यासीन मलिक कश्मीर में अपने रसूख और खौफ का इस्तेमाल अदालतों की कार्रवाई को प्रभावित कर सकता है। जैसा कि अब तक वो करता रहा है। इस पर 6 मार्च को जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। लेकिन आज हाईकोर्ट ने जम्मू ट्रांसफर करने का फैसला सुना दिया।
 
 
यासीन मलिक पहले ही जेल में है, जिसपर पीएसए एक्ट लगाकर गिरफ्तार किया जा चुका है। फिलहाल यासीन मलिक 28 साल पुराने रूबिया सईद अपहरण केस और एयरफोर्स जवानों के मर्डर के केस में आरोपी है।