भारत-अमेरिका मिलकर बनायेंगे पाकिस्तान में आतंक के सफाये का प्लान, अमेरिका ने कहा- चीन खुद है मानवाधिकार उल्लंघन की लीग में शामिल
   14-मार्च-2019
 
UNSC में एक बार फिर आतंकवाद का समर्थन करने के बाद चीन अब भारत और अमेरिका समेत तमाम देशों के निशाने पर है। UNSC में जैश को बैन करने की नाकामयाब कोशिश के ठीक बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विजय गोखले ने अमेरिका के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइज़र जॉन बोल्टन से मुलाकात की। जिसमें भारत और यूएस ने पाकिस्तान में आतंकियों के सेफ-हेवन कैंप के सफाये की योजना पर बात की। साथ इसमें अफगानिस्तान के रोल पर भी चर्चा की गयी। इसके बाद विजय गोखले अमेरिकन सीनेट की फॉरेन अफेयर्स कमेटी से भी बात की।
 
उधर अमेरिका के विदेश मंत्री माइकल पोम्पै ने चीन पर सीधा निशाना साधते हुए करारा आरोप लगाया। पोम्पै ने कहा कि- “जब मानवाधिकारों के उल्लंघन की बात आती है, तो चीन खुद इसका दोषी है। वहां हालात बिगड़ते जा रहे हैं। स्टेट डिपार्टमेंट की सालाना ह्यूमन राइट्स रिपोर्ट को जारी करते हुए पोम्पै ने कहा कि चीन में माइनॉरिटी के मानवाधिकारों का उल्लघंन रिकॉर्ड लेवल पर है। वहां एक मिलियन से ज्यादा उईगर, कजाख और दूसरे मुस्लिम समुदाय के लोगों को कैंपों में रखकर उनकी धार्मिक और सामुदायिक पहचान को खत्म किया जा रहा है।”
 

 
 अमेरिक सेक्रेटरी ऑफ स्टेट, माइकल पोम्पै
 
 
आपको बता दें कि माइकल पोम्पै का ये बयान चीन और अमेरिका के रिश्तों में फिर से बड़ी तल्खी का कारण बन सकता है। लेकिन आतंकवाद के मुद्दे पर चीन जिस तरीके से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को नज़रअंदाज करने पर तुला है, ऐसे में अमेरिका की ये एग्रैसिव नीति एक सोची-समझी रणनीति हो सकती है। यानि अमेरिका अब चीन को किसी तरह की रियायत देने के मूड में नहीं है। जिसका फायदा जाहिर तौर पर भारत को होगा।