ICC ने दिया पाकिस्तान को करारा जवाब, पुलवामा शहीदों के सम्मान में आर्मी कैप पहनने पर टीम इंडिया के खिलाफ पाकिस्तान ने की थी शिकायत
   15-मार्च-2019
 
 
Writer- Sandeep Kumar
 
पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले को अब एक महीना बीत चुका हैं इस हमले में सेना के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद पूरे देश में इस आतंकी हमले के खिलाफ लोगों में आक्रोश का माहौल था। इस हमले में ना सिर्फ 40 जवान शहीद हुए बल्कि एक पल में ही उन जवानों की पत्नी विधवा हो गई औऱ उनके बच्चे अनाथ हो गए। इस हमले के बाद पूरे देश में शोक का माहौल है। देश की जनता बहादुर सैनिकों और उनके परिवार के लिए अपना प्यार और सम्मान दिखाने की हर संभव कोशिश कर रहा है। इसी कोशिश में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने अपने गृहनगर रांची में ऑट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे मैच में सैनिकों को सम्मान देने के लिए सेना की टोपी पहनकर मैच खेला था।
 
शहीदों के सम्मान में मिलिट्री कैप
 
 
रांची में 8 मार्च को खेले गए सीरीज के तीसरे वनडे में टीम इंडिया ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में मिलिट्री कैप पहनी थी और अपनी मैच फीस राष्ट्रीय रक्षा कोष में दान कर दी थी। इसका मकसद देशवासियों को शहीदों के आश्रितों की शिक्षा के लिए दान करने के लिए प्रोत्साहित करना भी था। बीसीसीआई ने बकायदा इसके लिए मैच से पहले ट्वीट भी किया था।
 
मिलिट्री कैप पर पाकिस्तान ने की कार्रवाई की मांग
 
हलांकि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड का ऐसा मानना है कि महेंद्र सिंह धोनी और बीसीसीआई द्वारा की गई ये हरकतें गलत है और इससे क्रिकेट की दुनिया में विश्वसनीयता का ह्रास हुआ है। इस संबंध में पीसीबी के अध्यक्ष एहसान मणि ने ICC को मैच के दौरान इस तरह का कैप पहनने को लेकर भारत के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। पीसीबी अध्यक्ष एहसान मणि ने आईसीसी से BCCI और मेन इन ब्लू को खेल और राजनीति के संयोजन के लिए अतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया था।
 
 
 
 
 

 

BCCI ने ली थी इजाजत
 
लेकिन ICC के प्रवक्ता क्लेयर फलार्गं ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को इस पूरे मुद्दे पर अपने रूख के बारे में साफ करते हुए कहा कि, BCCI ने ICC से मैच के दौरान सैनिकों की याद में मिलिट्री कैप पहनने की अनुमति मांगी थी जिसे स्वीकार किया गया था।
 
हलांकि ICC ने कहा कि, हम इस बात से सहमत हैं कि खेल और राजनीति को एक दूसरे से मीलों दूर रखा जाना चाहिए। पिछले कुछ सालों में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जहां खेल या एथलेटिक मीट का राजनीतिकरण करने से खेल जगत के लिए प्रतिकूल परिणाम सामने आए हैं। लेकिन ICC ने कहा कि, राष्ट्र के वीर जवानों को श्रद्धांजलि देने के बीसीसीआई के विचार को राजनीति से प्रेरित नहीं माना जा सकता है। मिलिट्री टोपी पहनने वाले एथलीट किसी भी तरह से अपने पड़ोसियों के क्रिकेटरों को नीचा दिखाने या अपमान करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, और ना ही हम पीसीबी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में किसी तरह का ऊपरी हाथ पाने की कोशिश कर रहे थे।