Big: भारत ने म्यांमार में अराकान आर्मी के आतंकी ठिकानों पर की बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के ठीक बाद की थी स्ट्राइक
15-मार्च-2019
कुछ दिन पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने एक भाषण के तीन सर्जिकल स्ट्राइक करने का जिक्र किया था। पहली उड़ी हमले के बाद, दूसरी बालाकोट और तीसरी की जानकारी देने से राजनाथ सिंह ने इंकार कर दिया था। लेकिन तीसरी सर्जिकल स्ट्राइक का जानकारी हम आपको देते हैं। भारतीय सेना की ज्वाइंट टीम ने भारत-म्यांमार सीमा के पार म्यांमार में द अराकान आर्मी के आतंकी ठिकानों पर बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था।
सूत्रों के मुताबिक म्यांमार के विद्रोही समूह अराकान आर्मी ने मिज़ोरम सीमा पर नए ठिकाने बनाए थे, जोकि भारत के महत्तवाकांक्षी कलादान प्रोजेक्ट को निशाना बना रहे थे। अराकान आर्मी को काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी द्वारा नॉर्थ बॉर्डर चीन तक ट्रेनिंग दी गई थी। जिसके बाद विद्रोहियों ने अरुणाचल से सटे क्षेत्रों से मिज़ोरम सीमा के आसपास अपने आतंकी ठिकाने बनाये।
उत्तर पूर्व के लिए बड़े और अहम इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट, जो म्यांमार में सितवे बंदरगाह के जरिये कोलकाता से मिजोरम से जोड़ते हैं, इन आतंकी संगठनों के निशाने पर थे।
अरकान आर्मी को काचिन इंडिपेंडेंस आर्मी नामक आतंकी संगठन ने चाइना बॉर्डर के नजदीक ट्रेनिंग दी थी।
जानकारी के मुताबिक जब पूरी दुनिया की निगाहें पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान पर थी। तब इस स्ट्राइक को अंजाम दिया गया। जोकि 17 फरवरी से 3 मार्च के बीच पूरी हुई। रोहिंग्या आतंकी समूह अराकान आर्मी और नागा आतंकी समूह NSCN (K) के खिलाफ 2 हफ्ते में इस ज्वाइंट भारत-म्यांमार ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। आतंकी समूहों ने कलादान मल्टी मोडल प्रोजेक्ट की तरह भारत की कनेक्टिविटी परियोजनाओं के खिलाफ हमले की योजना बनाई थी।
इन्हीं ठिकानों को नेस्तानाबूद करने के लिए सेना ने एक प्लान बनाया, जिसमें सबसे पहले मिजोरम की सीमा पर बनाये गये आतंकी कैंपों को ध्वस्त करने के लिए बड़े पैमाने पर ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया गया था, जबकि ऑपरेशन के दूसरे चरण में ने टागा में NSCN (K) के मुख्यालय को निशाना बनाया गया और कई टेररिस्ट कैंपस को भी नेस्तानाबूद किया गया।