अब से वायु सेना और नौसेना के प्रमुख भी जेड प्लस सिक्योरिटी के दायरे में।
   02-मार्च-2019


 
भारतीय वायु सेना और नौसेना के प्रमुखों को सुरक्षा एजेंसियों द्वारा खतरे की आशंका बताये जाने के बाद जेड-प्लस सुरक्षा कवर मिलेगा।
 
इंटेलिजेंस ब्यूरो (Intelligence bureau) के अधिकारी ने कहा कि, पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के मद्देनजर वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल बी एस धनोआ और नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा को खतरे की आशंका होने के कारण और इस पर गहन विचार के बाद यह निर्णय लिया गया।
 
 

 
थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को पहले ही जेड प्लस सुरक्षा दी जा चुकी है।
 
हालांकि, अधिकारी ने यह भी कहा कि वायु सेना के और नौसेना प्रमुख की करीबी सुरक्षा(proximity security) उनकी सेना बलों के कमांडो द्वारा दी जाती रहेगी, और आस-पास की सुरक्षा(peripheral security) केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा दी जाएगी।
 
जेड प्लस कैटगरी में 36 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इनमें 10 एनएसजी और एसपीजी कमांडो होते हैं और शेष पुलिस दल के लोग होते हैं। यह सुरक्षा वीवीआईपीज को मिली होती है। सुरक्षा के पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी की होती है, जबकि दूसरे लेयर में एसपीजी के अधिकारी होते हैं। इनके अलावा आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान भी सुरक्षा में तैनात होते हैं। जेड प्लस कैटगरी की सुरक्षा के तहत प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों को एसपीजी कमांडो सुरक्षा कवच प्रदान करते हैं
 
14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर में सीआरपीएफ के काफिले पर एक आत्मघाती आतंकी हमला हुआ था, जिसमे सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए। इस हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ ऐसी परिस्थितियां हुई, जिससे इन्हे जेड-प्लस सुरक्षा दी जाएगी।