मोदी सरकार का बड़ा फैसला, यासीन मलिक के जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट पर लगाया बैन, यासीन मलिक पहले ही जेल में, बिट्टा कराटे भी होगा गिरफ्तार
   22-मार्च-2019
 
 
 
मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं पर एक-एक कर नकेल कस रही है। ताजा कार्रवाई में पीएम मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) पर बैन लगा दिया है। सरकार ने अनलॉफुल एक्टिविटीज़ प्रिवेंशन एक्ट के तहत जेकेएलएफ पर कार्रवाई की है। इसके बाद जम्मू कश्मीर में जेकेएलएफ के तमाम ऑफिसों पर ताले लगाये जायेंगे। साथ ही जेकेएलएफ की तमाम नेताओं को गिरफ्तार किया जायेगा। आपको बता दें कि इसके लीडर यासीन मलिक पहले ही जेल में हैं। यासीन मलिक के ऊपर जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था। आपको बता दें कि मलिक को 22 फरवरी को हिरासत में लिया गया था और इसके बाद उन्हें कोठीबाग पुलिस स्टेशन में रखा गया था। इसके पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गत 26 फरवरी को अलगाववादी नेता के आवास पर 26 फरवरी को छापे मारे थे। जिसमें काफी अहम सबूत और दस्तावेज मिले थे।
 
 
होम सेक्रेटरी के मुताबिक जेकेएलएफ 1989 के बाद घाटी में कश्मीरी पंडितों के मारने और भगाने में शामिल रहा है। जिस पर कुल 37 मामलों में एफआईआर दर्ज हैं। सरकार का मानना है कि जेकेएलएफ लगातार घाटी में आतंकियों की मदद करता रहा है। चाहे वो रिक्रूटमेंट हो, फंडिंग का मामला..।
 
 
बैन लगने के बाद अब जेकेएलएफ के नेता बिट्टा कराटे की गिरफ्तारी का रास्ता भी साफ हो जायेगा। जोकि 90 के दशक में दर्जनों कश्मीरी हिंदूओं हत्यायें करने के बावजूद भी खुलेआम सड़क पर घूम रहा है।
 
 
 
 
बिट्टा कराटे, जेकेएलएफ  
 
 
PSA लगने से पहले राज्य के उच्च न्यायालय ने भी यासीन मलिक को एक बड़ा झटका देते हुए रुबिया सईद के अपहरण की साजिश में शामिल होने व एयरफोर्स के अधिकारियों पर हमले से जुड़े मामलों की सुनवाई को श्रीनगर से जम्मू स्थानांतरित कर चुकी है। यह मामला भी बीते 30 सालों से लटका पड़ा था। राज्य उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने देश के तत्कालीन गृहमंत्री स्व मुफती मोहम्मद सईद की छोटी बेटी रुबिया सईद के 1990 में हुए अपहरण व 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र में एयरफोर्स अधिकारियों के वाहन पर हुए आतंकी हमले में आरोपित जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक के खिलाफ जारी मामलों की सुनवाई को श्रीनगर स्थित हाईकोर्ट विंग से जम्मू स्थानांतरित करने की सीबीआई की मांग का नोटिस लेते हुए जम्मू शिफ्ट किया था।
 
 
 
 

 UPA सरकार के दौरान यासीन मलिक की हैसियत का अंदाजा इस फोटो से लगाया जा सकता है
 
 
इससे पहले सरकार जमात-ए-इस्लामी पर बैन लगाकर इसके सैंकड़ों नेताओं को गिरफ्तार कर चुकी है। साथ ही टेटर फंडिंग मामले में मीरवाइज़ उमर फारूख और सैयद अली शाह गिलानी पर भी केस चल रहा है। इस बीच महबूबा मुफ्ती यासीन मलिक के समर्थन में कूद पड़ी हैं। पढ़िए उनका ताज़ा ट्वीट-