सिंध, पाकिस्तान में 2 नाबालिग हिंदू बच्चियों को अगवा कर किया जबरन धर्म परिवर्तन और शादी, सदमे में मां की मौत, पिता की हालत गंभीर
   23-मार्च-2019
 
 
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदू परिवारों का जीवन नरक बन चुका है। आये दिन हिंदू बच्चियों के अपहरण की खबरें आम हो चुकी हैं। आंकड़ों के मुताबिक रोजाना औसतन 2 बच्चियों को अगवा कर मुस्लिम बनाया जा रहा है। ऐसे ही एक मामले में सिंध के घोटकी जिले में हंसते-खेलते एक हिंदू परिवार को मुस्लिम गिरोह ने एक झटके में तबाह कर दिया। 21 मार्च को होलिका दहन की तैयारी में जुटा था। इस बीच स्थानीय मुस्लिम गिरोह ने 2 नाबालिग बहनों रीना और रवीना को अगवा कर लिया। इसके बाद इस गिरोह ने एक मस्जिद में दोनों बच्चियों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया। फिर उम्र में लगभग दोगुने मुस्लिम युवकों के साथ इन बच्चियों की शादी करा दी। देखें वीडियों-
 
 
हालांकि रीना-रवीना के घरवालों ने तुरंत पुलिस को इत्तला दी और आरोपियों को पकड़ने की गुहार की। लेकिन पुलिस ने कोई मदद नहीं की। मजबूरन पूरे गांव ने होली के दिन रंग खेलने के बजाय हाईवे पर धरना दिया।
 


 
 
मामले की गंभीरता देख सिंध पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया। लेकिन कार्रवाई नहीं की। पुलिस को बताया गया कि दोनों ने अपनी मर्जी घर छोड़ा है। हालांकि एफआईआर में साफतौर रीना की उम्र 12 साल और रवीना की उम्र 14 साल दर्ज है। सिंध के कानून चाइल्ड मैरिज एक्ट के मुताबिक ये एक जुर्म है। लेकिन इस पर भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इसके चलते सदमे से रीना-रवीना की मां ने दम तोड़ दिया और उनके पिता भी पूरी तरह टूट गये। पिता को अब प्रशासन से कोई उम्मीद नहीं है, देखिए वीडियो में पिता की हालत- 
 
 
 
 
 
 
 
 
इस बीच सोशल मीडिया पर पाकिस्तान में एक्टिविस्टों ने आरोपियों की गिरफ्तारी पर दबाव बनाया। यहां तक कि यूएस के कांग्रेसमैन ने भी इस मुद्दे को लेकर ट्वीट किया।
 
 
 
 
मामले बढ़ता देख मुस्लिम गिरोह ने रीना-रवीना की एक वीडियो जारी किया है। जिसमें वो खुद अपने मन से इस्लाम स्वीकार करने की बात कह रही है। वीडियो देखकर साफ है कि बच्चियों को बहला-फुसलाकर , धमकाकर ये वीडियों बनाया गया है। साफ है पुलिस और प्रशासन हमेशा की तरह इस मामले को दबाने में लगा है।
 
 
दरअसल पाकिस्तान में ये एक ऑर्गनाइज़्ड धंधा है, जिसमें लोकल मुस्लिम संगठन, पुलिस प्रशासन और निचली अदालतों का रैकेट मिलकर काम कर रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक हर साल करीब 1 हजार हिंदू और ईसाई बच्चियों को अगवा कर जबरन उनका धर्म परिवर्तन और शादी करायी जा रही है। सरकार की चुप्पी जाहिर है इसको मौन समर्थन दे रही है।