3 मिनट में मार गिरायी स्पेस सैटेलाइट, एंटी-सैटेलाइट मिसाइल क्षमता वाला यूएस-चीन-रूस के बाद भारत बना चौथा देश
   27-मार्च-2019
 
 
चीन को सीधा संदेश, स्पेस में भी सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता है इंडिया, न्यूक्लियर टेस्ट के बाद भारत के लिए सबसे बड़ा ऐतिहासिक दिन
 
 
अत्याधुनिक शक्तिशाली देशों की पहचान अब मिसाइल या परमाणु बमों की संख्या से नहीं होती। बल्कि स्पेस में घूम रही सैटेलाइट्स के जरिये होती हैं। आजकल परोक्ष युद्ध सैटेलाइट्स के जरिये निगाह रखकर लड़ा जा रहा है। जोकि बिना को दखल दिये दुश्मन देश की तमाम गतिविधियों पर नजर रख सकती है। सैटेलाइट्स के जरिये एक इंसान के मूवमेंट को भी ट्रैक करने या फिर पूरी संचार प्रणाली को संचालित करने की क्षमता होती है। अंदाजा लगाइये अगर कोई दुश्मन देश आपकी सैटेलाइट्स को ध्वस्त कर देता है। तो इसका मतलब ये है कि आधी जंग आप हार जायेंगे। ऐसी मिसाइल प्रणाली चीन के पास थी। जोकि अंतरिक्ष में सैटेलाइट्स को ध्वस्त कर सकता था। जाहिर है इंडिया के लिए ये बड़ा खतरा था।
 
 
 
 
रूस और अमेरिका के पास ये तकनीक बहुत पहले से है, इसके बाद चीन ने 11 जनवरी 2007 में एंटी सैटेलाइट स्पेस मिसाइल टेस्ट किया था। दुनिया भर में जिसका विरोध हुआ था। हालांकि जानकारों के मुताबिक 2012 तक भारत में भी वो क्षमता थी, कि भारत भी एंटी सैटेलाइट मिसालइल टेस्ट कर सकता था। लेकिन मनमोहन सरकार ने वो राजनीतिक इच्छा-शक्ति नहीं दिखायी। लेकिन पीएम मोदी इस प्रोग्राम को दोबारा शुरू किया और जिसका नतीजा आज एक सफल टेस्ट के रूप में देखने को मिला। 
 
 
 
 

 
अमेरिका का ASM-135 स्पेस मिसाइल 
 

 
चीन ने 2007 में किया था सफल परीक्षण
 
 
टेस्ट के तुरंत बाद मोदी ने देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज कुछ ही समय पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत ने आज अंतरिक्ष में बड़ी उपलब्धि हासिल की है, चीन और रूस के बाद ऐसा करने वाला भारत तीसरा बड़ा देश बना है।
 
 
 
 
 
 
इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश को संबोधित किया और कहा कि भारत ने अंतरिक्ष में एक सैटेलाइट को मार गिराया है. पीएम बोले कि भारत ने इस मिशन को 'मिशन शक्ति' का नाम दिया है. आज भारत अंतरिक्ष में महाशक्ति बन गया है।  अभी धीरे-धीरे तमाम देशों का इसपर रिएक्शन आना बाकी है। जाहिर है चीन और पाकिस्तान स्पेस वॉरफेयर का हवाला देकर इसको गलत ठहरायेंगे। लेकिन यहीं भारत की सफलता का सबूत होगा।