शेखर गुप्ता जी पहले तय कर लीजिए, अखिलेश यादव लूज़र हैं या विनर.....!! द प्रिंट की क्रांतिकारी पत्रकारिता
   30-मार्च-2019
 
चुनावों के वक्त किसी भी नेता और पार्टी के पक्ष में ओपिनियन आर्टिकल छापा जाना कोई नहीं बात नहीं है। ज्यादातर मामलों में ये ओपिनियन आर्टिकल या स्पोंसर्ड यानि पेड होते हैं या फिर पॉलिटिकल आकाओं को खुश करने के लिए ऐसे आर्टिकल छापे जाते हैं। लेकिन द प्रिंट ने एक नयीं नज़ीर पेश की। 10 दिनों के अंतर में द प्रिंट ने सपा नेता अखिलेश यादव को लेकर 2 आर्टिकल छापे। दोनों एक दूसरे से अलग।
 
 
18 मार्च को द प्रिंट में छापे आर्टिकल में कहा कि अखिलेश यादव चुनाव शुरू होने से पहले ही लूजर साबित होते हैं। इस आर्टिकल को डी.के. सिंह ने लिखा...। देखिए स्क्रीनशॉट-
 
 

 
जाहिर है इसके बाद सपा समर्थकों ने इसका विरोध किया होगा। जो भी हुआ लेकिन द प्रिंट ने बैलेंस बनाने के लिए 10 दिन बाद 28 मार्च को एक और आर्टिकल छापा। जिसको मोदी विरोधी और लेफ्ट भक्त शिवम विज ने लिखा। इसकी हेडलाइन हूबहू वहीं थी, बस लूज़र की जगह विनर बदल दिया गया था। जाहिर है अंदर की स्टोरी भी। देखिए स्क्रीनशॉट-
 

 
अब आप ही तय करिये, कि अखिलेश यादव क्या हैं और द प्रिंट क्या है।