जापान में महिला उद्धार पर ज्ञान देने पहुंची मलाला अपने ही देश पाकिस्तान की हिंदू बच्चियों पर चुप क्यों है?
   31-मार्च-2019
 
 
सबसे कम उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली मलाला महिलाओं, खासतौर पर बच्चियों के अधिकार के लिए लड़ने वाली एक्टिविस्ट के तौर पर जानी जाती हैं। इन दिनों मलाला जापान में हैं, जापान में महिलाओं को बराबरी का हक दिलाने की लड़ाई लड़ने। मलाला बेबाकी अपनी राय रखती हैं, लेकिन हैरानी होती है जब वो अपने की देश में हिंदू बच्चियों पर हो रहे अत्याचारों पर चुप रहती हैं। सालों से पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदू नाबालिग बच्चियों को अगवा कर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है और फिर उनकी उम्रदराज मुस्लिमों से शादी करा दी जाती है। क्या ये संभव है कि मलाला को पाकिस्तान में हो रहे इस नापाक जेहाद की जानकारी नहीं है..। ये असंभव सी बात दिखायी देती है, यानि मलाला तो पता है लेकिन वो इन हिंदू बच्चियों के बारे में एक न तो एक शब्द बोली और न ही कोई ट्वीट किया। क्या ये मलाला के महिला उद्धार के कॉरपोरेट ढोंग को उजागर नहीं करता।
 
 
 
 
 
 
हिंदू बच्चियों पर अत्याचारों पर चुप रह जाना किसी गुनाह से कम नहीं है। वो भी तब, जब महिला उद्धार के नाम पर नोबेल जीत चुकी हैं, उसके बाद मलाला फंड में सालाना मिलियन डॉलर जमा कर रही हैं। जब वो खुद या फिर पिता की वीमेन एमपॉवरमेंट पर लिखी किताब को प्रोमोट कर तारीफें बटोर रही हों।
 
 
 
 
 
तब जब कि वो खुद पाकिस्तान में इन्हीं मुल्लाओं की ज्यादतियों का शिकार रही हों। क्या मलाला का फर्ज अपने ही देश की बच्चियों की फिक्र सबसे पहले करना नहीं होना चाहिए। क्या मुल्लाओं के ज्यादतियों के खिलाफ चुप रहना, उनका बढ़ावा देना नहीं है। शायद एक दिन मलाला को इन हिंदू बच्चियों की याद आ जाये। तब तक जापान में महिला उद्धार मलाला का स्क्रिप्टेड भाषण सुनिए।