#WomensDaySpecial कैप्टन दिव्या अजीत कुमार की कहानी, देश की पहली महिला कैडेट जिन्हें प्रतिष्ठित 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया
   08-मार्च-2019



 
 
कैप्टन दिव्या अजीत कुमार कोई साधारण सैन्य महिला अधिकारी नहीं, बल्कि वह देश की पहली महिला कैडेट थीं, जिन्हें प्रतिष्ठित 'स्वॉर्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया था। स्वॉर्ड ऑफ ऑनर को अकादमी में सर्वश्रेष्ठ कैडेट को दिया जाता है। हमे यह कहने की जरूरत नहीं है, कि इस प्रतिष्ठित सम्मान के योग्य होना एक चुनौतीपूर्ण काम है। हालांकि, 2010 तक, यह सम्मान केवल आईएमए / ओटीए में सर्वश्रेष्ठ पुरुष कैडेट को दिया जाता था। यह कप्तान दिव्या थी जिसकी उपलब्धि ने भारतीय सेना में एक क्रांतिकारी दौर शुरू किया।
 
कैप्टन दिव्या का जन्म चेन्नई के एक तमिल परिवार में हुआ था। उन्होंने उसी शहर से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर स्टेला मैरिस कॉलेज, चेन्नई में स्नातक की पढ़ाई की। यहां, वह एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) में शामिल हो गईं। दिव्या को 2008 में गणतंत्र दिवस परेड में एनसीसी सीनियर डिवीजन गर्ल्स विंग की अखिल भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था! वास्तव में, वह ऑल इंडिया बेस्ट गर्ल कैडेट के साथ-साथ बेस्ट परेड कमांडर का खिताब भी जीत चुकी हैं।
 

 
 
एक कमीशन अधिकारी के रूप में, कैप्टन दिव्या सितंबर 2010 में आर्मी एयर डिफेंस कॉर्प्स (एएडी) में शामिल हुईं। पांच साल बाद, उन्हें एक और सम्मान के साथ सम्मानित किया गया- 2015 में उन्हें गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना की पहली सभी महिलाओं का नेतृत्व करने के लिए चुना गया। डायनेमिक ऑफिसर ने गर्व के साथ इस दल का नेतृत्व किया जिसमें 126 महिला अधिकारी और 28 महिला कैडेट शामिल थीं, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि थे।
 
वर्तमान में, वह ओटीए(ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी), चेन्नई (एक और प्रतिष्ठित पद) में प्रशिक्षक(instructor) हैं और महिलाओं को रक्षा बलों में शामिल होने और राष्ट्र की सेवा करने के लिए प्रेरित करने में विश्वास करती हैं। यह दिखाता है कि एक अधिकारी के रूप में वह अपने कर्तव्य के प्रति कितना समर्पित, विनम्र और दृढ़ है। वह लड़कियों / महिलाओं से बातचीत करने के लिए विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों का दौरा करती रहती हैं और उन्हें सशस्त्र बलों में करियर चुनने के लिए प्रेरित करती हैं।