जम्मू कश्मीर गवर्नर का एतिहासिक फैसला, राज्य में पहली बार होंगे ब्लॉक स्तर के चुनाव
   09-मार्च-2019
 
 
जम्मू कश्मीर में पंचायती और शहरी निकाय चुनावों को सफलतापूर्वक करवाने के बाद राज्य प्रशासन लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक और शानदार कदम उठाया है। गवर्नर सत्यपाल मलिक ने स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव काउंसिल की बैठक के बाद ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल के चुनाव करवाने को मंजूरी दे दी। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी जल्द ही इसी अधिसूचना जारी कर चुनावों की तारीख की घोषणा करेंगे। राज्य में ऐसा पहली बार होगा, जब ब्लॉक स्तर पर काउंसिल के चुनाव करायें जायेंगे। पंचायती राज व्यवस्था के तहत देश के बाकी तमाम राज्यों में ब्लॉक स्तर के चुनाव होते हैं। राज्यपाल ने यह फैसला जम्मू-कश्मीर पंचायती राज अधिनियम 1989 की सेक्शन 27 के तहत किया है। राज्य में करीब पौने दौ सौ ब्लाक डेवेलपमेंट काउंसिल के चेयरमैन व सदस्य चुने जाएंगे। चेयरमैन व सदस्यों का चुनाव ब्लाक की पंचातयों के पंच, सरपंच करेंगे।
 
 
जम्मू कश्मीर पिछले साल नवंबर-दिसंबर में आतंकवादियों की धमकियों को दरकिनार करते हुए 40 हजार से ज्यादा पंचायत और शहरी निकाय के प्रतिनिधि चुने गये थे। पंचायत चुनाव 11 साल बाद, जबकि शहरी निकाय एक महीने तक चली मतदान की प्रक्रिया में लोगों ने 35096 पंच और 4490 सरपंच चुने गये थे। नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी द्वारा चुनाव बहिष्कार के बावजूद राज्य में कुल 58 लाख ग्रामीणों में से 75 प्रतिशत ने वोट डाले थे। जिसमें बीजेपी ने खासी जीत दर्ज की थी। पहली बार कश्मीर घाटी में बीजेपी के करीब 100 पार्षद जीते थे।
 

 
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ब्लॉक के बाद जिला परिषद् बनने के आसार बने
 
 
ब्लॉक स्तर पर चुनाव के फैसले के बाद अब स्थानीय लोगों को ज़िला परिषद् के चुनावों की भी उम्मीद बंधी है। जैसा कि अन्य राज्यों में होतें हैं, पहले जिला पंचायत सदस्यों के चुनाव होते हैं, फिर वो जिला परिषद् अध्यक्ष को चुनते है। इससे भी राज्य के ग्रामीण तंत्र को लोकतांत्रिक रूप से मजबूत करने और विकास योजनाओं में तेज़ी लाने में आसानी होगी। दरअसल जम्मू कश्मीर में पहले पंचायती राज पहले चरण तक ही सीमित रह जाता था। ऐसा होने से राज्य में थ्री टियर पंचायती राज का सपना साकार होगा।
 
 
 
 
 
लोकतंत्र भी मज़बूत होगा और विकास तेज़ होगा
ब्लाक डेवेलपमेंट काउंसिल बनने से राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा। काउंसिल राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान, महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना जैसी केंद्र प्रायोजित योजनाओं, 14वें वित्त आयोग व हलका पंचायतों के हवाले की गई अन्य योजनाओं की निगरानी करेंगी। यही नहीं काउंसिलें हलका पंचायतों में योजनाओं को कामयाब बनाने की नीति भी तय करेंगी। वे हलका पंचायत के लिए एक्शन प्लान बनाने के साथ इस जिला प्लानिंग व डेवेलपमेंट बोर्ड को सौंपेगी। इसके साथ वे ब्लाक स्तर पर विकास योजनाओं को कामयाब बनाने के लिए अंतर विभागीय समन्यवय भी बनाएंगी।