सेना का पाकिस्तान या पाकिस्तान की सेना - एक विश्लेषण।
   01-अप्रैल-2019


 

जम्मू कश्मीर नाउ टीम
 
पाकिस्तानी सेना के बारे में कहा जाता है कि ‘’हर देश के पास सेना होती है पर पाकिस्तानी सेना के पास एक देश है’’, और किसी देश की ऐसी स्थिति उस देश के साथ -2 पड़ोसी देशों के लिए भी नासूर बनती है । पाकिस्तानी सेना के कई काले कारनामे हैं, जो पाकिस्तानी सरकार के गले की हड्डी बन गए हैं, न निगलते बनता है और ना ही उगलते I

पाकिस्तानी सेना या भू- माफिया
 
23 मार्च को पाकिस्तान दिवस मनाया गया, जिसमें प्रधान मंत्री इमरान खान ने पाकिस्तानी सेना की बढ़ चढ़ कर प्रशंसा की और खूब गुणगान किया I परन्तु बहुत कम लोग ये जानते हैं कि मातृभूमि की रक्षा करने का काम पाकिस्तानी सेना ने इतनी मुस्तैदी से किया है कि ना केवल भूमि की रक्षा की बल्कि भूमि ही अपने कब्ज़े में ले ली I जिस पाकिस्तानी सेना की प्रशंसा पाकिस्तान की भूमि की रक्षा करने के लिए की जाती है वही सेना पाकिस्तान में सबसे बड़ी भू-माफिया है I आलम ये है कि पाकिस्तान की सबसे अधिक और सबसे कीमती ज़मीने पाकिस्तानी सेना के पास हैं I
 
आंकड़ों के अनुसार सेना के पास 1.2 करोड़ एकड़ यानि देश की 12 % ज़मीन है I हैरान करने वाली बात यह है की इसमें से केवल एक लाख एकड़ ज़मीन सीधे आधिकारिक रूप से सेना या सेना के संस्थानों के पास है I बाकी सारी ज़मीन बहुत ही सस्ते दामों में सेना के वरिष्ठ अधिकारीयों को दी गयी है I
 
पाकिस्तानी सेना पूरे पाकिस्तान से भी ज्यादा धनवान
 
पाकिस्तानी सेना के कब्ज़े में जो ज़मीन है उसका मूल्यांकन करें तो सेना की असली शक्ति का अंदाज़ा लगेगा I पाकिस्तान के पास विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 8 बिलियन डॉलर है लेकिन सेना के कब्ज़े की ज़मीन की कीमत इसके 4 गुना से भी अधिक है !!! यानी पाकिस्तानी सेना पूरे देश से भी अधिक धनवान है I
 
इसके बावजूद अगर सेना और भी ज़मीन हड़पना चाहे तो आसान सा रास्ता है -राष्ट्रीय सुरक्षा I ‘आर्मी एक्ट’ के तहत सेना आसानी से राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दे कर किसी भी इलाके की ज़मीन अपने पास रख सकती है I जनरल अयूब खान के समय से शुरू हुई ये परंपरा अब नियम ही बन गयी है I
 
 

POJK में फिर लगे पाकिस्तान से आजादी के नारे.

 
 
पाक अधिक्रान्त जम्मू कश्मीर भी है शिकार
 
वैसे तो सेना द्वारा ज़मीन हथियाने से पूरे देश पर असर पड़ता है, पर इसका सबसे ज़्यादा खामियाज़ा भुगता है बलूचिस्तान और पाक अधिक्रान्त जम्मू कश्मीर (पीओजेके) ने I यूनाइटेड कश्मीर पीपल्स पार्टी के चेयरमैन शौकत अली कश्मीरी के अनुसार पूरे पीओजेके में इस तरह से ज़मीन कब्जाने की कई घटनाएँ हुई हैं I
बलूचिस्तान में भी आधिकारिक दस्तावेज़ों के अनुसार 60,000 एकड़ ज़मीन ''ग्वादर विकास प्राधिकरण'' से सेना ने ज़िले में अलग-अलग जगह ली है I
 
पाकिस्तान के हेराल्ड के अनुसार ग्वादर में पाकिस्तानी नौसेना ने ज़मीन लेकर बहुत ही सस्ते दामों में अपने वरिष्ठ अधिकारीयों को बेच दी। इसी तरह गिलगित में भी हज़ारों एकड़ ज़मीन ग़ैर कानूनी तरीके से आईएसआई और फ़ोर्स कमांड नॉर्थन एरिया (FCNA) को या तो सौंप दी गयी या कौड़ियों के भाव उन्हें बेच दी गयी I
 
 
गिलगित बल्तिस्तान में पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन  
 
 
हॉंगकॉंग की एशियन ह्यूमन राइट्स कमीशन (AHRC) ने इस तरह की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि ज़मीन हड़पने के ऐसे केस अदालत में भी नहीं जाते क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ दिए जाते हैं I रिपोर्ट के अनुसार कई बार गाँव के गाँव भी ज़बरदस्ती खाली करवाए गए हैं, जिसके लिए कर्फ्यू लगाना और गाँव में राशन ना आने देना आम बात है I मजबूरन लोगों को गाँव छोड़ने पड़ते हैं , पर सेना पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है I
 
दूसरे शब्दों में कहा जाए तो राष्ट्रीय सुरक्षा पाकिस्तानी सेना के चुनिंदा अफसरों के लिए वित्तीय सुरक्षा है I हो सकता है शायद इसीलिए आज पाकिस्तान की माली हालत इतनी खस्ता है I दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि देश दिवालिया हो जाये फिर भी देश के इन तथाकथित रखवालों का बाल भी बांका नहीं होगा I वे फिर भी सीमा पार से बढ़ते खतरे और राष्ट्रय सुरक्षा के नाम पर अपने ही देशवासियों के पैसे और ज़मीन लूटते रहेंगे I पाकिस्तान दिवस मानाने वालों को इस शोचनीय अवस्था की ओर ध्यान देना होगा I