डियर कांग्रेस, डीएसपी अयूब पंडित को श्रीनगर में इस्लामिक स्टेट समर्थक भीड़ ने मारा था, म्यूजिक वीडियो में दिखाया कि शहीद अयूब पंडित को हिंदू भीड़ ने मारा था
   20-अप्रैल-2019
 
 
जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान-परस्त इस्लामिक स्टेट की समर्थन भीड़ के हाथों शहीद अयूब पंडित के नाम पर कांग्रेस का फेक प्रोपगैंडा
 
 
कांग्रेस इस चुनाव में हिंदू संस्क़ृति को नीचा दिखाने में किसी भी हद तक जाने को तैयार है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर एक रैप-म्यूजिक वीडियो अपलोड किया है। जिसमें हिंदू प्रतीकों का शर्मनाक तरीके बेजा इस्तेमाल किया है। त्रिपुंड, भगवा रंग और त्रिशूल जैसे प्रतीकों आतंकवाद का प्रतीक बताया गया है। लेकिन वीडियो के एक हिस्से में कांग्रेस जम्मू कश्मीर पुलिस के शहीद अयूब पंडित की फोटो को बेहद शर्मनाक तरीके से इस्तेमाल किया है। Video Link- 
 
 
 
 
 
2.16 मिनट लंबी इस वीडियों में 1.36 मिनट पर शहीद अयूब पंडित की फोटो उन लोगों की फोटो के साथ दिखायी गयी है। जिन लोगों के बारे में कहा जाता है कि उनको Hate-Crime के चलते हिंदूओं की भीड़ ने मारा है। यहां कांग्रेस न सिर्फ शहीद अयूब पंडित की शहादत को अपमान कर रही है। बल्कि एक शहीद के हत्यारों, इस्लामिक स्टेट और जाकिर मूसा की समर्थक भीड़ से ध्यान हटाने के लिए उसको हिंदूओं पर थोपने की शर्मनाक कोशिश कांग्रेस ने की है।
 
 

 
ऐसे हुई थी शहीद डीएसपी अयूब पंडित की शहादत 
 

 
 
 
22 जून, 2017 की रात को श्रीनगर की जामा मस्ज़िद के बाहर सुरक्षा में तैनात पुलिस अधिकारी मोहम्मद अयूब पंडित की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। वो रात रमज़ान महीने की पवित्र माने जाने वाली शब-ए-क़द्र की रात थी। अयूब नमाज़ पढ़ कर बाहर निकल रहे थे। कहा जाता है कि वो मस्जिद के अहाते में अपने फ़ोन से तस्वीरें ले रहे थी, तभी वहां कुछ लोगों ने अयूब पंडित को पहचान लिया और उससे हाथापाई करने लगे। अयूब पंडित ने आत्मक्षा में पिस्तौल निकाली, लेकिन भड़काऊ भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। भीड़ पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे, और इस्लामिक स्टेट के जम्मू कश्मीर में आतंकी संगठन के मुखिया जाकिर मूसा जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे। बता दें कि जिस वक्त अय्यूब पंडित को इस्लामिक भीड़ में शामिल लोग मार रहे थे, उस वक्त अलगाववादी नेता मीरवाइज मस्जिद के अंदर तकरीर दे रहे थे।
  
 
 
 अयूब पंडित को श्रद्धांजलि देती तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती
 
 
भीड़ ने उनके कपड़े पूरी तरह फाड़ दिए। पत्थर-लाठी से पीट-पीट कर हत्या कर दी। इसके बाद शव को शिनाख़्त के लिए पुलिस कंट्रोल रूम लाया गया था। जब यह घटना घटी तब डीएसपी यूनिफॉर्म में नहीं थे। घरवालों से बातचीत के बाद पुलिस पहचान पाई कि वह डीएसपी हैं। अयूब पंडित की जान इसीलिए ले ली गयीं क्योंकि पाकिस्तान परस्त अलगाववाद और आतंकवाद के सामने नहीं झुके।