तिहाड़ में बंद यासीन मलिक की बिगड़ी हालत देखकर झलका महबूबा और शेहला का दर्द, कहा सरकार रहम करे
   23-अप्रैल-2019
 
 
यासीन मलिक इन दिनों टेरर फंडिंग केस में एनआईए की ट्रांसिट रिमांड पर तिहाड़ जेल में है। दर्जनों हत्या के केस होने के बावजूद भी 30 सालों तक यासीन मलिक अय्याशी करता आया था। लेकिन इस बार जब तिहाड़ का मुंह देखना पड़ा तो यासीन मलिक को गांधी जी याद आ गये। यासीन मलिक ने गिरफ्तारी के विरोध में खाना-पीना छोड़ दिया। 2-3 दिन में ही यासीन मलिक की हालत पस्त हो गयी। जिसके चलते 16 अप्रैल को यासीन मलिक को दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में भरती करवाना पड़ा था। लेकिन इस बीच कश्मीर में महबूबा मुफ्ती, फारूख अब्दुल्ला और ताजा-ताजा नेता बनी शेहला रशीद ने यासीन मलिक की हालत पर टेसू बहाने शुरू कर दिये। तीनों ने सैंकड़ों मासूमों के हत्यारे आतंकी को न सिर्फ मानवीय आधार पर छोड़ने की अपील का कैंपेन शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया पर खुलेआम यासीन मलिक के पक्ष में माहौल बनाया जा रहा है। महबूबा मुफ्ती ट्वीट के जरिये य़ा फिर मीडिया बाइट्स देते वक्त दिन में कईं बार यासीन मलिक को छोड़ने की गुहार लगाती दिख रही हैं। देखिए ट्वीट-

 
 
 
दरअसल इस कैंपेन की शुरूआत पाकिस्तान में बैठी यासीन मलिक की पत्नी मशाल मलिक ने शुरू किया है, जोकि सोशल मीडिया पर भारत के खिलाफ कैंपेन चलाती रहती हैं। मशाल मलिक यासीन मलिक के स्वास्थ्य का बहाना बनाकर एंटी-इंडिया भावनाएं भड़काने की कोशिश में लगी हैं। कश्मीर में बैठे नेता मशाल के कैंपेन को आगे फैलाने में मदद कर रहे हैं। देखिए शेहला रशीद का ट्वीट, कैसे दर्द झलक रहा है।

 
 
उधर अलगावावादी गिरोह हुर्रियत ने भी घाटी में बंद की घोषणा कर रखी है। हालांकि घाटी में इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके अनंतनाग में उम्मीद से कहीं ज्यादा बेहतर वोटिंग हो रही है। साफ है कि कश्मीरी नेता भले ही पाकिस्तानी प्रोपगैंडा फैलाने में व्यस्त हों, लेकिन स्थानीय लोग इससे आजिज आ चुके हैं।