चीन ने पाकिस्तान को दिखायी उसकी हैसियत, एयरपोर्ट पर इमरान खान के स्वागत के लिए पहुंची बीजिंग म्यूनिसिपल कमेटी की डिप्टी सेक्रेटरी
   26-अप्रैल-2019
 
 
कूटनीतिक दुनिया में पाकिस्तान की कितनी अहमियत बची है, ये बात किसी से छिपी नहीं है। लेकिन अब पाकिस्तान के ऑल वेदर फ्रेंड चीन ने भी पाकिस्तान की हैसियत दिखाने में पीछे नहीं रहा है। किसी भी खास विदेशी मेहमान यानि राष्ट्राध्यक्ष के आगमन पर मेजबान देश उसकी हैसियत के मुताबिक स्वागत का प्रोटोकॉल बनाता है। ये एक तरह का साइन होता है कि मेजबान देश मेहमान राष्ट्राध्यक्ष का कूटनीतिक कद कितना महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के लिए दौरा कितना अहम है। लेकिन बेल्ट एंड रोड़ फोरम से संबंधित बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जब बीजिंग पहुंचें, जो उनके स्वागत के लिए चीन सरकार ने किसी मंत्री या राष्ट्रीय स्तर के लीडर को नहीं बल्कि बीजिंग शहर की म्यूनिसिपल कमेटी में जूनियर अधिकारी यानि डिप्टी सेक्रेटरी ली लिफेंग को भेजा। जोकि अपने आप में किसी कूटनीतिक मजाक से कम नहीं है।
 
 
इंटरनैशनल प्रोटोकॉल प्रैक्टिस के मुताबिक अगर इस्लामाबाद या कराची शहर का मेयर चीन के आधिकारिक दौरे पर जाता तो तब प्रैक्टिस के हिसाब से म्यूनिसिपल कमेटी में जूनियर अधिकारी यानि डिप्टी सेक्रेटरी ली लिफेंग को स्वागत के लिए भेजा जाना मुफीद माना जाता। लेकिन चीन सरकार शायद पाकिस्तान को ही ये बताया चाहती है, कि दोनों मुल्कों के बीच संबंध बराबरी के नहीं बचे, बल्कि मालिक और कर्जदाता सरीखे हो चुके हैं।
 
 

 
बीजिंग एयरपोर्ट पर इमरान खान
 
 
 
आपको बता दें कि पिछले 8 महीनों में ये इमरान खान का तीसरा चीनी दौरा है। इससे पहले नवंबर महीने में भी इमरान चीन कर्ज मांगने के लिए गये थे। लेकिन एक हफ्ते के मैराथन दौरे के बावजूद भी चीन ने किसी तरह की कोई फौरी राहत नहीं की थी। तभी ये संकेत दिखायी देने लगे थे, कि चीन पाकिस्तान पर और अंधाधुंध डॉलर खर्च करने के मूड में नहीं है। पाकिस्तान को अब हर डॉलर की पाई-पाई का हिसाब देना होगा। तभी चीन पाकिस्तान की सहायता करेगा। चीन ये जानता है कि पाकिस्तान की सहायता करने के लिए फिलहाल चीन के अलावा कोई मुल्क नहीं है जो पाकिस्तान की सहायता करने को तैयार हो। जाहिर है ऐसे में चीन इसकी कीमत भी वसूलेगा और पाकिस्तान को जताय़ेगा भी।