चीन ने शिनजियांग में गिराई 800 और 500 साल पुरानी 2 ऐतिहासिक मस्जिद, उईगर मुस्लिमों का इतिहास मिटाने की पूरी तैयारी
   04-अप्रैल-2019
 
 
लाखों उईगर मुस्लिमों को शिविरों में बंधक बनाकर चीन सरकार एक तरफ उनको सेकुलर बनाने की कोशिश में जुटी है, तो दूसरी तरफ चीन ने उईगर मुस्लिमों के इतिहास के प्रतीक चिन्हों को सिरे से मिटाना शुरू कर दिया है। इनमें उईगर मुस्लिमों के इतिहास का सबसे बड़ी पहचान 2 सैंकड़ों साल पुरानी मस्जिदों को चीन ने ढहा दिया है। इनमें एक है किरबिया एतिका मस्जिद, जोकि 800 साल पुरानी मस्जिद थी और 1207 में बनी इस ऐतिहासिक इमारत को 2017 में चीन सरकार ने चायनीज़ आर्किटेक्चरल हेरिटेज की लिस्ट में भी शामिल किया था।
 
 
लेकिन ताज़ा रिपोर्ट्स से खुलासा हुआ है कि चीन सरकार ने इसको 2018 के शुरूआती महीनों में ही गिरा दिया था। लेकिन इससे जुड़ी कोई रिपोर्ट सेंसरशिप के चलते बाहर नहीं आने दी गयी। लेकिन स्थानीय विद्रोही मुस्लिम ग्रुप जान की परवाह किये बगैर इन खबरों को चीन से बाहर की दुनिया तक पहुंचा रहे हैं। जिसके बाद ही इस मस्जिद के गिराये जाने की खबर सामने आई। इसके बाद कईं इंडिपेंडेट एक्सपर्ट्स और अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों ने इसकी पुष्टि की। सैटेलाइट इमेज के जरिये भी इस खबर की पुष्टि होती है।
 

 
इसके बाद खबर उजागर हुई कि काशगर प्रांत में कारगिलिक इलाके में मौजूद जामा मस्जिद को भी चीन सरकार ने गिरा दिया है है। ये मस्जिद 1540 में बनाई गयी थी। इलाके के मुस्लिमों के लिए ये सबसे पवित्र मस्जिद मानी जाती थी। जुलाई 2017 में चीन सरकार ने पहले तो इस मस्जिद को चाइनीज़ झंडे और बैनरों से ढक दिया था। लेकिन बाद में चायनीज़ सरकार की नयी पॉलिसी के तहत इसको भी गिरा दिया गया। काफी समय तक इस खबर को भी छिपाकर रखा गया। पुष्ट खबरों के मुताबिक इस मस्जिद की जगह मस्जिद का कोई निशान नहीं बचा है।
 
 
 
 
 
2017 में चाइनीज़ झंडों और बैनर से ढकी जामा मस्जिद की इमारत
 
आपको बता दें कि चीन सरकार जिनजियांग और काशगर प्रांत में 20वीं सदी में बनाई गयीं ज्यादातर मस्जिदों को पहले ही गिरा चुकी है। तमाम मुस्लिम इलाकों में  इस्लामी खान-पान से लेकर इस्लामिक रहन-सहन और पहनावे संबंधी तमाम आदतों पर पाबंदी लगा दी गयी है। घर में मौजूद तमाम जवान मर्द और महिलाओं को शिविरों में कैद कर दिया गया है। चीन सरकार के मुताबिक उनको वोकेशनल ट्रेनिंग दी जा रही है। शहरों में हर गली-मुहल्लों पर लाखों सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जिससे उईगर मुस्लिमों पर लगातार नजर रखी जा सके। 
 
 

 
 
हैरानी की बात ये है कि इस्लामिक झंडाबरदार देश जैसे पाकिस्तान, सऊदी अरब, ईरान और यहां तक कि इंडियन मुस्लिम भी उईगर मसले पर चुप हैं।