जम्मू कश्मीर में अब तक 919 वीआईपी नेताओं की सिक्योरिटी वापिस, सरकार को भारी बोझ से राहत
   05-अप्रैल-2019
 
 
पुलवामा हमले के बाद जम्मू कश्मीर में सरकार ने सैंकड़ों वीआईपी नेताओं और अलगाववादी नेताओं की सिक्योरिटी वापिस लेने का अभियान छेड़ा था। जिसके बाद अब तक कुल 919 लोगों की सिक्योरिटी वापिस ली जा चुकी है, जिनको बिना किसी खतरे के राजनीतिक प्रसाद के तौर पर सिक्योरिटी मुहैया कराई गयी थी। गृह मंत्रालय के मुताबिक रिब्यू करने के बाद 20 जून 2018 से लेकर अब तक कुल 919 लोगों की सिक्योरिटी वापिस ली गयी है। जिसके चलते 2768 पुलिसकर्मी और 389 गाड़ियां फ्री हुई हैं। जिनका इस्तेमाल राज्य की सुरक्षा के लिए दूसरे अमले में लिया जायेगा। इसके चलते सरकार को सालाना सैंकड़ों करोड़ का बजट खर्च उठाना पड़ रहा था। हालांकि जिन नेताओं को खतरा है, जरूरत के मुताबिक उनकी सिक्योरिटी बरकरार रखी गयी है।
 

 
 
 
लेकिन ज्यादातर लोग सिक्योरिटी रसूख के तौर पर इस्तेमाल कर रहे थे। ये सिक्योरिटी पिछली महबूबा सरकार और अब्दुल्ला सरकार के दौरान मुहैया कराई गयी थी। इनमें 22 ऐसे बड़े अलगाववादी नेता थे, जो पाकिस्तान परस्त एजेंडा कश्मीर में चलाते हैं और जम्मू कश्मीर पुलिस की सिक्योरिटी पर अपनी नेतागिरी चमकाते थे। इनमें सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज़ उमर फारूख, यासीन मलिक जैसे नाम शामिल थे। इनको जम्मू कश्मीर पुलिस के अलावा गाड़ी भी मुहैया की गयी थी। लेकिन केंद्र सरकार के आदेश पर जम्मू कश्मीर सरकार ने तमाम सुविधायें वापिस ले ली।