श्रीलंका में बुर्के के बाद जाकिर नाईक का चैनल पीस टीवी बैन, मस्जिदों पर भी कार्रवाई की तैयारी
   01-मई-2019
 
 
21 अप्रैल श्रीलंका में सीरियल बम धमाकों के बाद सरकार ने धीरे-धीरे इस्लामिक कट्टरपंथ को जड़ से उखाड़ने की तैयारी कर ली है। इसके लिए सरकार कोई रियायत बरतने की तैयारी में नहीं है। 2 दिन पहले ही श्रीलंकन सरकार ने देश में बुर्के पर बैन लगा दिया था। अब देश के केबल ऑपरेटर्स ने जाकिर नाईक के इस्लामिक टीवी चैनल पीस-टीवी पर बैन लगा दिया है। जानकारी के मुताबिक देश के 2 बड़े केबल ऑपरेटर्स "Dialogue" and "LT" ने तत्काल प्रभाव से प्रसारण बंद कर दिया है।
 
 
दरअसल सीरियल बम धमाकों में जांच में सामने आया है कि नेशनल तौहीद जमात से जुड़े आतंकी जाकिर नाईक की तकरीरों से खासे प्रभावित थे। उसी को आधार बनाते हुए एनटीजे का लीडर जाहरान हाशिम यूट्यूब और बाकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भड़काऊ वीडियो डालकर ब्रेनवॉश कर रहा था। सोमवार को ही भारत में एनआईए ने केरल में एक इस्लामिक स्टेट मॉड्यूल का भंडाफोड़ कर एक मास्टरमाइंड आतंकी रियास अबुबकर को गिरफ्तार किया था। उसने भी कबूला था, कि वो भी जाकिर नाईक के वीडियो देखने के बाद ही इस्लामिक स्टेट से जुड़ने के लिए प्रभावित हुआ था।
 
 
 
 

भारत और बांग्लादेश में जाकिर नाईक और पीस टीवी को पहले ही बैन किया जा चुका है। भारत में जाकिर नाईक के सेंटर इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर भी 2016 में बैन लगाया जा चुका है। इस केस में जाकिर नाईक के इस्लामिक आतंकियों से संबंध होने का केस चल रहा है। गिरफ्तारी के डर से जाकिर नाईक फिलहाल मलेशिया में शरण लेकर रह रहा है।
 
 
 
 
 
 
 मुस्लिम बहुल इलाके में छापेमारी के दौरान
 
 
उधर श्रीलंका सरकार ने देशभर में फैली मस्जिदों पर निगरानी और रेगुलेट करने की तैयारी शुरू कर दी है। धमाकों के बाद क्राइम इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट ने देश की कई मस्जिदों पर छापेमारी की, तो भारी मात्रा में हथियार और बम बनाने का सामान बरामद हुआ था। जांच में पता चला कि देशभर में मस्जिदों के जरिये ही एनटीजे जैसे संगठन नौजवानों का ब्रेनवॉश कर आतंकी कार्रवाई में झोंक रहे थे। सूत्रों के मुताबिक सरकार ने मस्जिदों पर स्थायी निगरानी का खाका तैयार कर लिया है। जल्द ही इसको लेकर घोषणा कर दी जायेगी।