IMF पाकिस्तान को 6 बिलियन डॉलर कर्ज देने को तैयार, IMF की शर्तें देखकर पाकिस्तानी इकॉनोमिस्ट और राजनीतिक पार्टियों में मचा हड़कंप, पाकिस्तान 9 महीनों में पहले ही ले चुका है $16 B का कर्ज
   13-मई-2019
 
 
पाकिस्तान की डूबती इकॉनोमी का फिलहाल तिनके का सहारा मिल गया है, इंटरेनशनल मॉनेटरी फंड यानि आईएमएफ ने घोषणा कर कहा है कि पाकिस्तान को 6 बिलियन डॉलर का कर्ज देने का एग्रीमेंट तैयार हो चुका है। इस लोन की अवधि 39 महीने रखी गयी है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही वाशिंगटन स्थित हेडक्वार्टर इस पर अंतिम मुहर लगा देगा। 1980 के बाद ये 13वीं बार होगा जब आईएमएफ पाकिस्तान को लोन-पैकेज दे रहा है।
 
 
 
 
हालांकि पाकिस्तान सरकार के लिए आईएमएफ को मनाना आसान नहीं रहा, इसके लिए इमरान खान सरकार को अपने फायनेंस मिनिस्टर और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के गवर्नर समेत पूरी टीम को हटाकर आईएमएफ की पसंद की टीम लानी पड़ी। इमरान खान ने रेज़ा बाकिर को गवर्नर बनाया जोकि आईएमएफ के साथ काम कर चुका था, जिसको आईएमएफ की पसंद से अगले 3 सालों के लिए स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का गवर्नर बनायाय गया। यानि जब तक 6 बिलिय़न लोन की अवधि खत्म होगी।
 
आईएमएफ की इस घोषणा के बाद पाकिस्तान के आर्थिक जानकारों और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है। आर्थिक जानकारों का मानना है कि आईएमएफ ने लोन देने के बहाने ऐसी शर्ते रखी हैं। जिससे पाकिस्तान में आम जनता से लेकर बिजनेसमैन तक की कमर टूटनी तय है। दरअसल अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान में आर्थिक मामलों से जुड़े लगभग तमाम फैसले आईएमएफ की शर्तों के आधार पर लेने होंगे।
 
 
  • जैसे पाकिस्तानी रूपये का मूल्य गिराना, जिससे पाकिस्तान में आयात होने वाली चीज़ों की कीमतों में भारी इजाफा होना तय है।

  • अगले बजट में जनता और बिजनेस पर भारी टैक्स का बोझ बढ़ाना, डूबती इकॉनोमी के बीच बिजनेस इंडस्ट्री पर अतिरिक्त टैक्स उनको तबाह कर सकता है। 

 
 
  • तेल, बिजली और गैस की कीमतों में दी जाने सब्सिडी खत्म कर, कीमतों में और इजाफा करना। इसका असर तमाम रोजमर्रा की चीज़ों की कीमतों पर पड़ेगा।

  • सरकार के तमाम डिपार्टमेंट्स द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करना। इससे मिलने वाली सरकारी सुविधाओं पर असर पड़ेगा। मसलन किसानों के लिए खाद का महंगा होना, रेल और हवाई किराये में बढ़त। इसके अलावा नया बिजनेस शुरू करने के लिए दी जाने वाली रियायतें भी खत्म कर दीं जायेंगी।
 
 
 
 
 

चीन ने पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरिडोर के मद में 26.5 बिलियन डॉलर खर्च कर चुका है। जिसके लिए पाकिस्तान को अगले 20 सालों में 39.83 बिलियन डॉलर कर्ज चीन को चुकाना है। जिसमें एनर्जी और इंफ्रा प्रोजेक्ट्स में खर्च 28.43 बिलियन डॉलर का री-पेमेंट है। जबकि बाकी 11.4 बिलियन डॉलर सूद की शक्ल में लौटाना है। यानि साल में लगभग 2 बिलियन डॉलर पाकिस्तान को चीन को देना है। शुरूआत में चीन ने पाकिस्तान में 62 बिलियन डॉलर सीपेक में इंवेस्ट करने की घोषणा की थी। लेकिन इंवेस्ट किया सिर्फ 26.5 बिलियन। हालांकि चीन पाकिस्तान में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में भी 8.2 बिलियन डॉलर अतिरिक्त खर्च करने की घोषणा कर चुका है।
 
 
 
 देखिए पाकिस्तान ने आईएमएफ से कब-कब कर्ज लिया-
 

 
 
 
 
दरअसल जब से इमरान खान ने पीएम का पद संभाला है, पाकिस्तान की इकॉनोमी संभल ही नहीं पा रही है। पुराने कर्ज का ब्याज चुकाने के लिए चीन, सऊदी अऱब औऱ तुर्की से पाकिस्तान 9 महीनों के अंदर ही 16 बिलियन डॉलर का कर्ज ले चुका है। इसके बावजूद भी पाकिस्तान की हालत बदतर होती जा रही है। महंगाई इस महीने में 10 फीसदी का आंकडा छूने की संभावना है।