“गौरक्षक नहीं हैं भदरवाह में शख्स का हत्य़ा के जिम्मेदार”, पुलिस का बयान- मीडिया कर रही है गलत और भड़काऊ रिपोर्टिंग
   17-मई-2019
 
 
जम्मू कश्मीर में मीडिया, मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने एक बार फिर अफवाह के आधार पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने की पुरज़ोर कोशिश की। लेकिन जम्मू कश्मीर पुलिस ने इस पर पानी फेर दिया। दरअसल गुरूवार को भदरवाह में एक शख्स नईम अहमद शाह की उस वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गयी, जब वो अपने 2 साथियों के साथ जानवरों को लेकर अपने गांव जा रहा था। पुलिस ने संदेह के आधार पर कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया। जिस क्षेत्र में यह घटना हुई वह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है और वहां केवल सात आठ घर हिंदू समाज के अनुसूचित वर्ग के हैं । इस बीच गुरूवार दोपहर तक ये अफवाह फैलायी गयी। कि नईम की हत्या गौरक्षा के नाम पर की गयी है। हालांकि पुलिस ने हत्या के कारण की कोई पुष्टि नहीं की थी। खबरों के मुताबिक घटना के बाद सुबह भद्रवाह शहर में स्थानीय मस्जिद में सैंकड़ों लोग इकठ्ठा हुए, जिसके बाद सेरी बाजार, ताकिया चौंक और पारसी बस स्टैंड में खडी गाडिय़ों को जलाया गया, पुलिस पर पथराव किया, पुलिस को भी भागकर लक्ष्मी नारायण मंदिर में शरण लेनी पड़ी।
 
 
दोपहर बाद ये अफवाह खबर बनकर तमाम मीडिया संस्थानों ने चलानी शुरू कर दी, कि भदरवाह में एक मुस्लिम शख्स की हत्या गौरक्षकों ने की। एनडीटीवी, ग्रेटर कश्मीर, कश्मीर रीडर समेत कश्मीर और देश के कईं मीडिया संस्थानों ने बिना पुलिस की पुष्टि किये इस खबर को एजेंडे के तहत प्रसारित करना जारी रखा।
 
 
 
इसके बाद पूरे जम्मू संभाग औऱ कश्मीर संभाग में माहौल तनावपूर्ण हो गया। कई जगहों पर हिंदू परिवारों को निशाना बनाने की कोशिश की गयी। लेकिन पुलिस ने बड़ी मुस्तैदी से मामले को संभाल लिया। लेकिन जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक बयान जारी मुस्लिम संगठनों और मीडिया के प्रौपगैंडा का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने साफ कहा कि मीडिया गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग कर रही है, अभी तक जांच में हत्या के कारण का पता नहीं चल पाया है।
 
 
 
 
 
 
इस बीच उमर अब्दुल्ला जैसे नेताओं ने भी गौरक्षकों हत्यारा बताते हुए, मोदी पर भी निशाना साधा।
 
 
 


 
 
 
जाहिर है बिना पुलिस की पुष्टि के कश्मीर में नेता, मीडिया और मुस्लिम संगठन घाटी में सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ रहे हैं। जिनपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।