शाह फैसल ने जन्मदिन पर भी की राजनीति , फौजी की माँ ने दिया करारा जवाब
   17-मई-2019

 
शाह फैसल ने अपने जन्म दिन पर भी अपनी नकारात्मकता भरी राजनीति का दामन नहीं छोड़ा . फैसल की नकारात्मकता का ट्विटर पर मुहतोड़ जवाब मेघना गिरीश जोकि 2016 में वीरगति को प्राप्त हुए सेना के अफसर मेजर अक्षय गिरीश की माँ ने दिया . इसके बाद ट्विटर पर जमकर लोगो ने शाह फैसल की क्लास लगा डाली . शाह फैसल ने अपने जन्मदिन के अवसर पर ट्विटर पर ट्विट किया :-
” शाह फैज़ल- मैं कल 36 का हो जाऊँगा I कश्मीर के हर युवा को ये नसीब नहीं होता” .
 
 
शाह फैसल के इस तंज का सही जवाब मेघना ने दिया और जवाब भी इस अंदाज़ में कि ट्विटर पर उनकी जम कर तारीफ़ हो रही है .
 
इसके जवाब में मेघना गिरीश ने ट्विटर पर लिखा :-
 
“ मेरा बेटा तुमसे छोटा था और हमारे कई जवान उस से भी छोटे थे I उन्होंने अपनी जान जम्मू कश्मीर में हमारे नागरिकों को बचाने के लिए दाँव पर लगा दी I  हो सके तो शांति और देशभक्ति फ़ैलाने में योगदान दो I जन्मदिन की शुभकामनायें, सुखी रहो “
 
यह जवाब जम्मू कश्मीर के सबसे छोटे हिस्से कश्मीर में वहा के स्थानीय राजनितिज्ञो की राजनीति पर भी एक तमाचा था जो अलगाववाद के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे है . शाह फैसल जैसे लोग भारत की वयवस्था से लाभ उठा कर आईऐएस टोपर तक बन जाते है है लेकिन समाज में उंनका योगदान केवल अलगाववाद से भरे ट्विट ही रह जाता है . 36 साल की उम्र में कश्मीर में दुनिया का हर सुख भोग चुके शाह फैसल आज नौकरी छोड़ कर केवल लोगो को भडकाने का काम कर रहे है. ऐसे में एक जवान का संयम से भरा जवाब शाह फैसल के लिए एक सीख है.
 
एक तरफ शाह फैसल जैसे लोग है वही दूसरी और मेघना गिरीश जैसी एक माँ है जिसने अपना बेटा उसी जम्मू कश्मीर में इसी अलगाववाद की आग के चलते खो दिया था लेकिन फिर भी उन्होंने अपने संकल्प से लोगो को प्रेरित कर रही है . ज्ञात रहे 2016 में जम्मू के नगरोटा आर्मी कैम्प पर एक आतंकी हमला हुआ था . मेघना गिरीश का बेटा मेजर अक्षय गिरीश इसी आर्मी कैंप में पोस्टेड था . हमले के तुरंत बाद अक्षय की अगुवाई में “ त्वरित प्रतिक्रिया दल “ ने आतंकियों को चुनौती दी. आतंकी तब तक हमारे चार जवानों को मार चुके थे और उसके बाद वो दो रिहायशी इमारतो में घुस गए जहाँ जवानों के परिवार मौजूद थे . लगभग 16 महिलाए, बुजुर्ग और बच्चे आतंकियों के कब्जे में थे . ऐसे में मेजर अक्षय ने अकेले आगे बढ़कर आतंकियों का मुकाबला किया और इन 16 लोगो को आतंकियों से मुक्त करवाने में अहम् भूमिका निभायी.