पाकिस्तान आर्मी जवानों ने की घर में घुसकर रेप की कोशिश, पश्तून महिला ने गोली से उड़ाया, जिरगा में फैसला- अब चुप नहीं बैठेंगे पश्तून
   02-मई-2019
 
 
पाकिस्तान के पश्तून बहुल इलाके वजीरिस्तान में पश्तून महिलाओं के साथ आर्मी द्वारा रेप केस के मामले बेहद आम हैं। लेकिन पिछले एक साल में पश्तून तहफुज़ मूवमेंट के साथ-साथ पूरे इलाके में पश्तून महिलाओं ने भी पाकिस्तानी आर्मी की ज्यादतियों का मुकाबला करने की ठान ली है। 30 अप्रैल की रात वजीरिस्तान के मोहमंड एजेंसी इलाके में कुछ आर्मी जवान एक घर में घुसे। घर में सिर्फ महिलाएं थी, घर के मर्द नौकरी के सिलसिले में दूसरे शहर में थे। लेकिन पाकिस्तानी आर्मी की मोहमंड रायफल्स के जवानों ने मौके का फायदा उठाकर महिलाओं का रेप करने की कोशिश की। जवानों के हावी होते देख एक पश्तून महिला मलालाई साफी ने घर में रखी एके-47 रायफल उठायीं और एक हैवान के सीने में कईं गोलियां उतार दी। रेपिस्ट जवान मौके पर ही मारा गया। ये देख बाकी जवान अपने साथी को छोड़ भाग खड़े हुए।
 
 
लेकिन इस घटना के तुरंत बाद पूरे इलाके के पश्तून में जबरदस्त रोष है। 1 मई सुबह इलाके में जिरगा बुलाया गया, जिसमें पश्तूनों के लोकल लीडर्स ने पाकिस्तानी आर्मी से साफतौर पर बाकी जवानों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। आर्म्ड फोर्सेस का ये देखते हुए लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की, हालांकि एडमिनिस्ट्रेशन ने माना कि इन आर्मी जवानों को किसी सर्च ऑपरेशन की परमिशन नहीं थी। न ही कोई सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा था। मोहमंड एजेंसी रायफल्स के जवान बिना किसी सूचना के घर में जबरदस्ती घुसे।
 
 
 
 
 

 लोकल पुलिस और एफसी जवान जिरगे में पश्तूनों की जाने से रोकने की कोशिश करते हुए
 
 
पाकिस्तान में मेनस्ट्रीम मीडिया ने इस खबर को पूरी तरह दबा दिया। लेकिन पश्तूनों ने #StopHumiliatingPashtunWomen हैशटैग के साथ इस खबर को ट्विटर और फेसबुक पर वायरल करना शुरू कर दिया है।
 
 
 
 
 
 
दरअसल जनवरी महीने में वजीरिस्तान में ही पाकिस्तानी आर्मी के जवानों द्वारा एक सामूहिक रेप केस सामने आया था। जिसमें पीड़िता पश्तून महिला ने आर्मी की ज्यादतियों के खिलाफ एक आंदोलन खड़ा कर दिया था। सोशल मीडिया और वेस्टर्न मीडिया में इस रेप केस को लेकर काफी हंगामा मचा था। पाकिस्तान आर्मी के डीजी आईएसपीआर आसिफ गफूर को खुद जिरगा (पश्तूनों की महापंचायत) में जाकर माफी मांगनी पड़ी थी। जिसके बाद मामला शांत हुआ था। लेकिन पश्तून महिलाओं पर ज्यादती का एक और केस सामने आने के बाद पाकिस्तानी आर्मी के लिए खुद को बचाना आसान नहीं होगा।
 
  

 
बुर्के में रेप पीड़ित पश्तून महिला