“370 अस्थायी है, परमानेंट नहीं है, ये याद रखियेगा”, लोकसभा में अमित शाह ने रखा सरकार का मत, जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक और राष्ट्रपति शासन का प्रस्ताव लोकसभा में पास
   28-जून-2019
 
 
 
गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक और 3 जुलाई से और 6 महीने के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का प्रस्ताव पेश किया था। लोकसभा में जोरदार बहस के बाद दोनों ही बिल ध्वनिमत से लोकसभा में पारित कर दिये गये। इसके बाद दोनों बिल को राज्यसभा में पास होने के लिए भेजा जायेगा।
 
 
इस बीच इन प्रस्तावों पर विपक्ष के सवालों के जवाब में गृहमंत्री अमित शाह ने आर्टिकल 370, आतंकवाद, विधानसभा चुनाव और जम्मू कश्मीर में विकास के बारे में सरकार का पक्ष रखा।
 
 
 
धारा 370 के बारे में बोलते हुए अमित शाह ने फिर से साफ किया कि- “हसनैन जी (एनसी सांसद) ने कहा 370 है। लेकिन वो इसके साथ जुड़ा अस्थायी शब्द को भूल जाते हैं। ये टेम्परेरी प्रोविज़न है। 370 हमारे संविधान का अस्थाई मुद्दा है। ये याद रखियेगा और जिसको आपके नेता शेख अब्दुल्ला ने भी माना था।”
 
 
राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव कराने के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि- “इलेक्शन कमीशन जब कहेगा, हम चुनाव करायेंगे। शांतिपूर्ण चुनाव होंगे, कोई हमारा दखल नहीं होगा। हम सेंकड की भी देरी नहीं करेंगे। हम 40 हजार लोगों (पंचायत चुनावों में चुने गये पंच-सरपंच) तक जम्हूरियत पहुंचाने का काम हम लोगों ने किया है। 70 साल तक इन 40 हजार लोगों को मालूम नहीं था कि जम्हूरियत क्या चीज़ है। इनके वोट सरकार के एजेंट डाल देते थे। वो अपना नुमाइंदा नहीं चुन पाते थे। मेरे गांव में क्या चाहिए वो तय नहीं कर सकते थे। जिले के अंदर क्या चाहिए वो तय नहीं कर सकते थे। जम्हूरियत इसको कहते हैं कि आज गांव का विकास कैसे करना इसका फैसला गांव के पंच और सरपंच मिल बैठ कर रहे हैं और एक लाख, 80 हजार करोड़ रूपये का अमाउंट ग्राम पंचायतों के खातों में पहुंचा दिया गया है। इसको जम्हूरियत कहते हैं।”
 
 
घाटी में आतंकवाद के मसले पर भी गृहमंत्री ने कहा कि “ ये जो भय का विषय है, इसके 2 हिस्से हैं। आप (विपक्ष) कहते हैं कि जम्मू कश्मीर में भय है। जो जम्मू कश्मीर के लोग है, उनके मन कोई भय नहीं वो खुश हैं कि उनको तीन परिवारों के चंगुल से छुड़वाया गया है। लेकिन जिनके मन में अलगाववाद की मंशा है, जो जम्मू कश्मीर को देश से अलग करना चाहते हैं। उनके मन में भय है, ये और होना चाहिए। ”
 
 
 
जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू करने के सवाल पर भी अमित शाह ने कांग्रेस को याद दिलाया कि- “देश में आज तक 132 बार धारा 356 लागू की गयी है। जिसमें से 93वें बार ये फैसला कांग्रेस ने लिया।“
 
 

लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह का पूरा भाषण सुनिए-