टूरिस्ट गाइड राऊफ डार बना कश्मीर का असली हीरो, जिसने पहलगाम में खुद की जान गंवाकर 7 टूरिस्ट की जान बचायी, शहीद होकर कायम की कश्मीरियत की असली मिसाल
   03-जून-2019
 
 
 
बीते शुक्रवार को जब श्रीनगर में कुछ कश्मीरी नौजवान जामा मस्जिद के बाहर इस्लामिक स्टेट के नारे और झंडे लहरा रहे थे। उसी वक्त शाम साढ़े 6 बजे श्रीनगर से करीब 80-90 किमी दूर पहलगाम में एक नौजवान अपनी जान दांव पर लगाकर लिद्दर नदी में पलटी राफ्टिंग बोट के 7 टूरिस्टों की जान बचा रहा था। 35 साल के रऊफ अहमद डार ने सातों टूरिस्टों को तो बचा लिया, लेकिन इस बीच राऊफ की लाइफ जैकेट खुलकर पानी में बह गयी है, वो खुद को नदी के एक भंवर से नहीं बचा पाया। रऊफ की लाश 12 घंटों बाद राफ्टिंग पॉइंट से 7 किमी दूर जाकर मिली।
 
 
 
रऊफ अहमद डार घर में अकेला कमाने वाला था, पिता ने करीब 8 साल पहले एक छोटी सी कैंपिंग और राफ्टिंग एडवेंचर स्पोर्ट्स कंपनी खोल दी थी। घर में छोटा भाई, पत्नी और मां है। घरवालों का कहना है कि राऊफ इग्नू से पॉलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री पूरी कर परमानेंट जॉब करना चाहता था। क्योंकि पहलगाम में टूरिस्ट सीज़न सिर्फ 4-5 महीने रहता है। जिसके बाद फिर से दूसरा काम ढूंढना पड़ता है। शुक्रवार को कुछ टूरिस्ट आये, जिन्होंने कश्मीर से वापिस आने से एक दिन पहले रिवर-राफ्टिंग के लिए कहा। इन टूरिस्ट्स में 2 विदेशी भी थे। लेकिन राफ्टिंग करते वक्त लिद्दर नदी के तेज़ बहाव के कारण राफ्टिंग बोट पलट गयी और जिसके बाद राऊफ टूरिस्टों को तो बचाने में कामयाब रहा लेकिन खुद शहीद हो गया।
 
 

 
 राऊफ अहमद डार की राफ्टिंग बोट और डूबने के बाद मिली लाश
 
 
 
 
  राऊफ अहमद डार के घरवाले
 
 
राऊफ अहमद डार की ये कहानी आज कश्मीर में एक मिसाल कायम कर रही है। मिसाल कश्मीरियत की...। इस खबर के सामने आने के बाद राज्य प्रशासन ने 5 लाख रू मुआवज़े की घोषणा की है। देश के ढेरों जानी-मानी हस्तियां और संस्थाएं ने राऊफ डार को श्रद्धांजलि दे रही हैं।