उईगर डिटेंशन सेंटर्स पर 22 देशों की आपत्ति के बाद चीन का पलटवार, कहा- ये हमारा आंतरिक मामला है, इस्लामिक देशों की चुप्पी पर भी उठे सवाल
   13-जुलाई-2019

 

 
 
जापान और ब्रिटेन समेत 22 देशों ने चिट्ठी लिख कर चीन को अपने ‘री-एजुकेशन’ कैंप बंद करने को कहा है। गौरतलब है कि चीन शिनजियांग प्रान्त में उइगर मुसलमानों के लिए कैंप चला रहा है जिसे वह वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर कहता है। लेकिन कनाडा जापान समेत कुछ यूरोपीय देशों का मानना है कि चीन के शिनजियांग प्रान्त में मुसलमानों के मानवाधिकारों का हनन हो रहा है।
 
 

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिचेल बैचेलट को लिखे पत्र में 22 देशों के समूह ने चीन से आग्रह किया है कि वह शिनजियांग में जबरन लोगों को बंदी बनाना समाप्त करे। अमरीका की एक रिपोर्ट के अनुसार करीब 20 लाख लोगों को शिनजियांग में ‘री-एजुकेशन’ कैंप में रखा गया है। इनमें बड़ी संख्या में उइगर, कज़ाख, किर्गिज़ और अन्य मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल हैं। चीन पर आरोप है कि वह इन लोगों को ‘शिक्षित’ करने के नाम पर अत्याचार कर रहा है।


वहीं चीन ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खरिज किया है। चीनी सरकार के प्रवक्ता के अनुसार यह चीन का आंतरिक मामला है जिसमें वह बाहरी दखलंदाजी स्वीकार नहीं करेगा। चीन ने कहा कि शिनजियांग में वह ऐसे प्रोग्राम चला रहा है जिससे आतंकवाद और इस्लामी कट्टरपंथ को खत्म किया जा सके। इसके लिए शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग के कैंप चलाए जा रहे हैं।

 
 

चीनी सरकार के प्रवक्ता लीजियन ज़्हाओ ने यह भी कहा कि शिनजियांग में सभी सुखपूर्वक रह रहे हैं और पिछले 2 साल से वहाँ कोई हिंसा नहीं हुई है। लोग सरकार की नीतियों से खुश हैं और उनका समर्थन कर रहे हैं। ज़्हाओ के अनुसार चीन ने कई देशों के राजनयिकों और पत्रकारों को शिनजियांग की वस्तुस्थिति से अवगत कराने के लिए आमंत्रित किया था। उन सभी को शिनजियांग की स्थिति पश्चिमी मीडिया द्वारा दिखाई गई छवि से एकदम अलग दिखाई दी।

 
 

गौरतलब यह भी है कि इस्लामी देशों ने चीन द्वारा उइगर मुस्लिमों के प्रति किए जा रहे व्यवहार पर चुप्पी साधी हुई है। तुर्की ने पहले चीन का विरोध किया था लेकिन अब वह भी चुप है।