पाकिस्तान शट-डाउन, कराची-लाहौर-इस्लामाबाद-पेशावर समेत तमाम शहरों में मार्केट बंद, होंडा कार कंपनी ने बंद किया प्रोडक्शन
   13-जुलाई-2019
 
 
 
 
पाकिस्तान की गिरती इकॉनोमी और बढ़ते टैक्स के चलते हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पाकिस्तान में 1977 के बाद पहली बार देशभर के ट्रेडर्स ने बंद का ऐलान किया है। जिसके चलते पाकिस्तान के तमाम शहरों में आज मार्केट बंद हैं। पाकिस्तान की इमरान खान सरकार की नीतियों के खिलाफ कराची, लाहौर और इस्लामबाद जैसे बड़े शहरों में सुबह से बाजार बंद होने की वजह से सड़कें सुनसान हैं। यहां तक कि इमरान खान की पार्टी पीटीआई के गढ़ पेशावर में भी मार्केट पूरी तरह से बंद हैं, यहां तक कि पीटीआई के नेता भी बंद में हिस्सा ले रहे हैं।
 
 
 

 
 पेशावर में पीटीआई के डिस्ट्रिक्ट प्रेज़ीडेंट अरबाब आसिम खान अपनी दुकान बंद करते हुए
 
 

 
कराची की तस्वीर 
 

 
 
 
दरअसल इमरान सरकार के फेडरल ब्यूरो ऑफ रेवेन्यू ने ट्रेडर्स के लिए नये नियम की घोषणा की थी। जिसके तहत 50 हजार से ऊपर के लेन-देन पर कंप्यूटराइज़्ड नेशनल आईडेंटिटी कार्ड (CNIC) इस्तेमाल करना होगा। जिससे ज्यादा से ज्यादा ट्रेडर्स को टैक्स नेट में लाया जा सकेगा। इसके जरिये सरकार 3 हजार बिलियन रूपये के सरकारी घाटे को कम करने की कोशिश कर रही है। पाकिस्तान सरकार के मुताबिक देश में 3 लाख 81 हज़ार ट्रेडिंग यूनिट हैं, जबकि केवल 47 हजार ही रजिस्टर्ड हैं। जिसमें से सिर्फ 17 हजार टैक्स जमा कराती हैं। लिहाजा सरकार ने ऐसा कदम उठाने का फैसला किया है। लेकिन पहले से ही महंगाई, बिजली के दामों में तीन-गुना बढोत्तरी के मारे ट्रेडर्स ने इमरान सरकार के खिलाफ बंद का ऐलान कर अपने इरादे साफ कर दिये हैं।
 
 
 
 
 
 
पाकिस्तान सरकार की मुसीबत सिर्फ यहीं नहीं है, बल्कि बड़े उद्योगों में भी महंगाई और नये टैक्स के बाद जबरदस्त विपरीत असर देखा जा रहा है। कारों की बिक्री में लगातार गिरावट के बाद होंडा कंपनी ने अपना प्रोडक्शन बंद कर दिया है। फिलहाल ये बंदी अगले 10 दिनों के लिए की गयी है, जिसके बाद मार्केट के रिस्पांस को देखते हुए आगे का फैसला लिया जायेगा। इसके अलावा एक और बड़ी कार कंपनी टोयटा ने भी पाकिस्तान में अपना प्रोडक्शन बंद करने का संकेत दिया है। पाकिस्तान में चौतरफा आर्थिक मारामारी के बाद विरोधी पार्टियों ने इमरान खान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
 
 
 
 
 

 
 
 
साफ है कि पाकिस्तान में इमरान खान के नये पाकिस्तान का ख्वाब अब एक बुरी हकीकत में तब्दील हो चुका है, पिछले कुछ महीनों में ही आर्मी के खुले समर्थन के बावजूद इमरान खान सरकार के खिलाफ माहौल तेज़ होता जा रहा है। जिससे निकलने की संभावना पाकिस्तान के लिए दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही।