जनरल रावत ने लद्दाख में 6 जुलाई को चीनी सैनिकों ने की घुसपैठ से किया इंकार, मीडिया को लगाई लताड़
   13-जुलाई-2019

 

 
थलसेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने लद्दाख के डेमचोक में चीनी घुसपैठ की खबरों का खंडन किया है। जनरल रावत ने कहा कि चीन के सैनिकों द्वारा कोई घुसपैठ नहीं की गई और ऐसी खबरें निराधार हैं। जनरल के अनुसार चीनी सैनिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास पेट्रोलिंग करते हुए अपना क्षेत्र मानकर चले आए थे। ऐसा होता रहता है और हम (भारत) उन्हें (चीनियों को) रोकते रहते हैं। जनरल ने मीडिया को भी लताड़ते हुए कहा, “We have already given an official statement on this. आपको क्यों नहीं भरोसा होता है जब कोई स्टेटमेंट दी जा रही है? आप उस पर भी डिफेंस फोर्सेज़ पर शक करते हैं तो इसपे हमें बड़ी शर्म आती है।”
 
 
 
 

दरअसल ऐसी खबरें आई थीं कि 6 जुलाई को चीनी सैनिक LAC पारकर भारत की तरफ चले आए थे। 6 जुलाई को तिब्बत के आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा का जन्मदिन था, जिसे जम्मू कश्मीर के लद्धाख क्षेत्र में रहने वाले बुद्धिस्ट उत्साह से मनाते हैं। लद्दाख के दक्षिण-पूर्व में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास बसे कोयूल, डेमचोक और डुंगती गांव में रहने वाले बुद्धिस्टों ने भी इस दिन मिलकर एक सेलिब्रेशन आयोजित किया था।


ऐसे आयोजन में स्थानीय लोग आमतौर पर भारतीय तिरंगा, बुद्धिस्ट फ्लैग और तिब्बती फ्लैग एक साथ फहराते हैं। सालों से मनाये जा रहे इस सेलिब्रेशन को इस बार भी ऐसे मनाया जा रहा था। लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक पीएलए के सैनिक लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पार कर करीब 6 किमी अंदर तक आ पहुंचे और स्थानीय लोगों को इस सेलिब्रेशन को बंद करने के लिए धमकाया। पीएलए के कम से कम एक दर्जन सैनिक घंटों वहां रहे और चीनी झंडा वहां फहराकर इस क्षेत्र को अपनी टेरिटरी बताकर लोगों को धमकाते रहे।


जाने से पहले पीएलए सैनिक इंडस नदी के पास चीनी झंडे गाड़कर चले गये। स्थानीय गाँव वालों ने सिक्योरिटी एजेंसीज़ को इसकी सूचना दी थी। उन्होंने आशंका जताई कि इंडस नदी के पूर्व में पठारी मैदान, जिसे स्थानीय लोग हमेशा अपने जानवरों के चरागाह के तौर पर इस्तेमाल करते रहे हैं, उस पर चीन कब्जा करने की कोशिश में हैं। इसलिए वो लगातार इस इलाके में घुसपैठ करते रहते हैं।