उईगर मुस्लिम मामले पर पाकिस्तान और सऊदी अरब ने UN में किया चीन का खुलेआम समर्थन, बताया अंदरूनी मामला
   14-जुलाई-2019

 
भारत के राज्य जम्मू कश्मीर की सीमा से लगे चीनी प्रांत शिंगजियांग में उईगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों को लेकर इस्लामिक देश पाकिस्तान ने न केवल आँखें मूँद रखी हैं बल्कि इस कुकृत्य में चीन का समर्थन भी कर रहा है। दरअसल अभी हाल ही में दुनिया के 22 देशों ने चीन में उईगर मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में रखे जाने के खिलाफ यूएन को संयुक्त भेजा था।  जिसमें चीन पर कार्रवाई करने और उईगर मुस्लिमों को चीन के चंगुल से छुड़वाने की अपील की गयी थी। इन देशो में ऑस्ट्रेलिया , ब्रिटैन , जापान, फ्रांस और जर्मनी जैसे देश शामिल हैं।
 
लेकिन ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन के मुस्लिम सदस्य देश पाकिस्तान, टर्की और सऊदी अरब ने ठीक इसके उलट यूएन को एक समर्थन पत्र लिखकर कहा है कि ये चीन का अंदरूनी मामला है और दूसरे देशों को इसमें दखल नहीं देना चाहिए। उईगर मामले में चीन का समर्थन करने वाले 37 देशों में सऊदी अरब, पाकिस्तान, इजिप्ट, क्यूबा, अल्जीरिया, रूस, यूएई, कतर, नाईजीरिया, अंगोला, टोगो, ताजिकिस्तान, फिलीपींस और बेलारूस जैसे देश शामिल हैं। चीन इसको पश्चिमी देशों के खिलाफ बड़ी जीत के तौर पर भुना रहा है।
 
 
साफ है कि इस्लाम को लेकर पाकिस्तान समेत इस्लामिक देशों का दोगलापन साफ़ नज़र आ रहा है। जम्मू कश्मीर के सबसे छोटे हिस्से कश्मीर में इस्लाम और मुसलमानों की दुहाई देने वाले पाकिस्तान उईगर मुसलमानों के खिलाफ चीन में हो रहे अत्याचारों के विरोध में कुछ नहीं बोला। जानकारों का मानना है कि सऊदी अरब चीन को लगातार तेल बेचता है और वो अपने सम्बन्ध चीन के साथ खराब नहीं करना चाहता। उधर चीन के कर्ज में आकंठ डूबे पाकिस्तान की हैसियत ही नहीं है कि वो चीन के खिलाफ कुछ बोले। जाहिर है कि UNHRC जैसे मंचों पर भी पाकिस्तान जैसे देशों को इस दोगलेपन के लिए ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्टों से खरी-खरी सुननी पड़ रही है।
 
 
 
 
क्या कर रहा है चीन उईगर मुस्लिमों के साथ ?
 
चीन के शिंगजियांग प्रांत में लगभग 30 लाख उईगर मुस्लिमों को ट्रेनिंग के नाम पर डिटेंशन सेंटर्स में बंदी बना रखा है। जब यह विषय विश्व पटल पर उठने लगा तो पहले चीन ने इस कार्रवाई से इंकार किया। लेकिन बाद में माना कि चीन में ऐसे कैम्प चलाये जा रहे हैं जहां उइगूर मुसलमानों को चीनी कानूनों से वाकिफ करवाया जा रहा है और सेक्यूलर नीतियों के मुताबिक ट्रेनिंग दी जा रही है। इन कैम्पों में रह रहे उइगूर मुस्लिमों को अपने धार्मिक क्रियाकलाप करने की अनुमति नहीं है। उईगर मुस्लिमों को रमजान के महीने में रोज़ा तक रखने की अनुमति नहीं। इन लोगों को सूर्यास्त से पहले खाने और पीने के लिए मजबूर किया जाता है। अगर ये लोग ऐसा नहीं करते तो उन्हें दण्डित किया जाता है। उईगर पुरुषों को दाढ़ी रखने और महिलाओ को हिजाब तक नहीं पहनने दिया जाता है। बच्चों को उनके परिवारों से दूर रखा जाता है और उन्हें जबरन कम्युनिस्ट पार्टी के सिद्धांतो का पालन करने के लिए कहा जाता है।