अब और कंगाल होगा पाकिस्तान, वर्ल्ड बैंक ने ठोंका 6 बिलियन डॉलर का जुर्माना, IMF से मिलना है इतना ही कर्ज, “यानि इस हाथ ले, उस हाथ दे”
   14-जुलाई-2019
 
 
 
 
पिछले 8 महीनों से पाकिस्तान सरकार आईएमएफ से 6 बिलियन डॉलर का कर्ज लेने के लिए दिन रात एक किये हुए। इसके लिए इमरान खान ने अपने मंत्री तक बदल दिये। अनगिनत टैक्स पाकिस्तानी अवाम पर थोप दिये। लेकिन अब ये सब बेकार होता दिखाई दे रहा है क्योंकि करीब इतनी ही रकम यानि 6 बिलियन डॉलर का जुर्माना वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान पर ठोंक दिया है। यानि पाकिस्तान एक हाथ कर्ज लेगा, दूसरे हाथ उसे इसे चुकाने में इस्तेमाल करना होगा।
 
 
 
दऱअसल वर्ल्ड बैंक से संबंधित The International Center for Settlement of Investment Disputes (ICSID) ने पाकिस्तान पर रेको डिक केस में बलूचिस्तान स्थित रेको डिक खदान सौदे को रद्द करने पर पाकिस्तान पर 5.97 बिलियन डॉलर का जुर्माना ठोका है, जिसमें 4.08 अरब डॉलर हर्जाना और 1.87 अरब डॉलर ब्याज शामिल है। ये जुर्माना पाकिस्तान को शिकायतकर्ता टेथयान कॉपर कंपनी को चुकाना होगा। बेहद गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ा झटका है, वहीं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने यह जानने के लिए आयोग का गठन किया है कि इस मामले में नौबत यहां तक क्यों पहुंची. पाकिस्तान सरकार ने यह भी साफ किया है कि वह इस फैसले के खिलाफ आईसीएसआईडी समेत अन्य संबंधित न्यायिक मंचों पर अपील करने पर विचार कर रही है। वहीं पीएम इमरान खान ने एक आयोग गठित कर दिया है कि आखिर ऐसी नौबत आयी क्यों इसके लिए जिम्मेदार को चिन्हित किया जा सके।
 
 
 
दरअसल टीसीसी ने बलूचिस्तान के रेको डिक में बहुत बड़े पैमाने पर सोने और तांबे की खानों का पता लगाया था। कंपनी का कहना है कि उसने इसकी खोज और उत्पादन के मद में इस इलाके में करीब 22 करोड़ डॉलर खर्च कर दिये थे। लेकिन अचानक 2011 में पाकिस्तान सरकार ने उसके खनन के लिए पट्टे को देने से मना कर दिया और इसके खिलाफ उसकी अपील सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस इफ्तेखार चौधरी ने  2012 में घोटाले की संभावना को देखते हुए सौदे को रद्द कर दिया।
 
 

 
बलूचिस्तान स्थित रेको डिक खदान 
 
 
जिसके बाद टेथयान कॉपर कंपनी ने वर्ल्ड बैंक के आईसीएसआईडी के सामने 11.43 बिलियन डॉलर का दावा पाकिस्तान के खिलाफ दायर किया था। आईसीएसआईडी 2017 में टीसीसी के पक्ष में फैसला सुनाया था लेकिन जुर्माना कितना होगा, ये तय नहीं किया था। 12 जुलाई को न्यायाधिकरण ने 700 सौ पेज का फैसला सुनाया, जिसमें जुर्माने की राशि 5.97 बिलियन डॉलर तय की। न्यायाधिकरण ICSID के इतिहास में पहली बार इतना बड़ा जुर्माना लगाया गया है।
 
 
 
 
 
जाहिर है इससे पाकिस्तान की आर्थिक कमर और टूटेगी, देश में पहले ही कंगाली के आसार बने हुए हैं। पूरे देश की निगाह सिर्फ आईएमएफ द्वारा मिलने वाला 6 बिलियन डॉलर के कर्ज पर थी। लेकिन इस नयी मुसीबत ने पाकिस्तान के सामने पहाड़ जैसी नयी समस्या खड़ी कर दी है। जिससे पार पाना इमरान खान के लिए लगभग असंभव दिखायी दे रहा है।