“इंच-इंच जमीन से अवैध प्रवासियों की पहचान कर वापिस भेजा जायेगा”- अमित शाह का राज्यसभा में जवाब
   17-जुलाई-2019

 
अमस, जम्मू कश्मीर और पश्चिम बंगाल समेत देश के तमाम राज्यों में अवैध तरीके से बसे विदेशी घुसपैठियों को देश से बाहर निकालने के लिए बीजेपी ने चुनावों के दौरान वायदा किया था। ये बीजेपी के घोषणा पत्र का भी हिस्सा था। केंद्र सरकार उसी को लेकर प्रतिबद्ध है, इसी बात को एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में दोहराया।
 
 
बुधवार को गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि देश की ‘‘इंच इंच जमीन से अवैध प्रवासियों की पहचान’’ कर उन्हें निर्वासित किया जाएगा। एनआरसी की चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा कि ये असम समझौते का हिस्सा है। देश की इंच-इंच जमीन पर जो अवैध प्रवासी रहते हैं, हम उनकी पहचान करेंगे व अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत उन्हें निर्वासित करेंगे।’’
 
 
दरअसल समाजवादी पार्टी के सांसद जावेद अली खान ने सवाल पूछा था कि कि क्या जिस तरह से असम में एनआरसी को लागू किया जा रहा है, सरकार की योजना उसे देश के अन्य राज्यों में भी उसी तरह से लागू करने की है?
इससे पहले असम गण परिषद के वीरेन्द्र प्रसाद वैश्य द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय ने भी कहा था कि सरकार असम में एनआरसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही वह यह भी सुनिश्चित करेगी कि एनआरसी की प्रक्रिया में भारत का कोई भी नागरिक नहीं छूटे तथा किसी अवैध प्रवासी को इसमें स्थान न मिल सके। एनआरसी को लागू करने में सरकार की मंशा बिल्कुल साफ है।
 
 
राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि राष्ट्रपति और सरकार के पास 25 लाख से अधिक ऐसे आवेदन मिले हैं जिनमें यह कहा गया कि कुछ भारतीयों को भारत का नागरिक नहीं माना गया है जबकि एनआरसी में कुछ ऐसे नागरिकों को भारतीय मान लिया गया है, जो बाहर से आये हैं। इसीलिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है कि इन आवेदनों पर विचार करने के लिए सरकार को थोड़ा समय दिया जाए।
 
 
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार, असम में एनआरसी को 31 जुलाई 2019 तक प्रकाशित किया जाना है।