कश्मीर रीडर का मालिक NIA हेडक्वार्टर में पेश, देश विरोधी प्रोपगैंडा चलाने के लिए लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध के हैं आरोप में पूछताछ
    19-जुलाई-2019
 
 
 
एंटी इंडिया नैरेटिव को बढ़ावा देने के लिए कुख्यात श्रीनगर से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार कश्मीर रीडर के मालिक और एडिटर हाजी मोहम्मद हयात भट आज नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी के दिल्ली हेडक्वार्टर में पेश हुआ। जहां एनआईए के अधिकारियों ने हयात भट से कश्मीर रीडर की फंडिग और पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठनों से संबंधों के बारे में पूछताछ की। आरोप है कि हयात भट से देश के बाहर से आये पैसों से ये अखबार कश्मीर रीडर अखबार 2012 में शुरू किया गया था, मोहम्मद हयात इससे पहले एक हेल्पलाइन एडवरटाइज़िंग एजेंसी चलाता था। जोकि श्रीनगर में विज्ञापन के होर्डिंग लगाता था।
 
 
कश्मीर रीडर अपनी शुरूआत के साथ ही देश विरोधी प्रोपगैंडा के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा। इसमें लिखने वाले ज्यादातर कॉलमनिगार भी ऐसे लोग हैं, जो भारत के खिलाफ और पाकिस्तान के पक्ष में प्रोपगैंडा के लिए जाने-जाते हैं। लेकिन हैरानी की बात य़े है कि इन सब के बावजूद भी कश्मीर रीडर को सरकारी विज्ञापन लगातार मिलते रहे। साल 2016 में कश्मीर रीडर को 16 लाख 32 हज़ार रूपये से ज्यादा के विज्ञापन मिले थे।
 

 
 
हालांकि पुलवामा हमले के बाद राज्य प्रशासन ने कश्मीर रीडर पर मार्च के पहले हफ्ते में विज्ञापन बंद कर दिये थे। जिसमें बाद एनआईए ने भी टेरर फंडिंग मामले में कश्मीर रीडर औऱ उसके मालिक को राडार पर रखा था। इसी केस की पूछताछ में हयात भट से पूछताछ चल रही है।