J&K में जनमत संग्रह का प्रोपगैंडा चलाने वालों को गृहमंत्री का करारा जवाब- “आज सवाल ही नहीं है जनमत संग्रह का, 1949 में सहमति देना इतिहास की सबसे बड़ी गलती”
   02-जुलाई-2019
 
 
जम्मू कश्मीर में यूएन सिक्योरिटी काउंसिल का हवाला देकर जनमत संग्रह कराने का प्रोपगैंडा पिछले 70 सालों से जारी है। पाकिस्तान और अलगाववादियों के अलावा देश के लिबरल पत्रकार भी अक्सर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जम्मू कश्मीर में जनमत संग्रह कराने का प्रोपगैंडा फैलाते रहे हैं। देखिए अक्सर टीवी चैनलों पर बीजेपी विरोधी तकरीरें करने वाली पत्रकार सबा नकवी अल-जजीरा पर कैसे जनमत-संग्रह की हिमायत कर रही है। वीडियो 2016 का है...
 
 
 
जनमत संग्रह के प्रोपगैंडा पर देश की सरकारों ने कभी स्पष्ट राय नहीं रखी, लेकिन सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने सीधे-सपाट शब्दों में बताया कि आज जनमत संग्रह का सवाल ही नहीं है जनमत संग्रह का। अमित शाह ने 1 जनवरी 1949 को जम्मू कश्मीर के मसले को यूएन में ले जाने को भी एतिहासिक गलती करार दिया। देखिए वीडियो-
 
 
 
 
 
राज्य सभा में बोलते हुए गृहमंत्री जम्मू कश्मीर से जुड़े तमाम सवालों पर केंद्र सरकार की नीति को स्पष्ट तौर पर सामने रखा। करीब 1 घंटे लंबे भाषण में अमित शाह ने आतंकवाद, विकास और राजनीति से जुड़े तमाम मुद्दों पर अपनी बेबाक नीति स्पष्ट की, देखिए पूरा वीडियो-