पाकिस्तान के दोहन से POJK तबाही के कगार पर, पानी की किल्लत के बाद बाढ़ बनी नई त्रासदी
   20-जुलाई-2019

 

 
पाकिस्तान अधिक्रान्त जम्मू कश्मीर (POJK) में पिछले दिनों आई बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है। 15 जुलाई को मीरपुर मुज़फ्फराबाद क्षेत्र के गाँवों में बादल फटने से आई बाढ़ के कारण सौ से ज्यादा घर तबाह हो गए और दर्जनों लोगों के मरने की आशंका है। बादल फटने के कारण अचानक से नीलम नदी में ढेर सारा पानी बह आया जिससे बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। मरने वालों में तब्लीगी जमात के 18 लोग भी शामिल हैं जो उस समय मस्जिद में थे जब बाढ़ आई।
 

 

 

 
POJK में मीरपुर मुज़फ्फराबाद के आसपास गाँवों में बाढ़ आना आम बात है। दरअसल शुरुआत से ही पाकिस्तान की यह नीति रही है कि POJK में रहने वालों के हितों की अनदेखी करते हुए उसने प्रकृति का दोहन किया। उस क्षेत्र में पाकिस्तान ने नदियों का प्राकृतिक बहाव बाधित कर बांध बना दिए हैं। बांध बनाने का मकसद बिजली उत्पादन तो था लेकिन दुर्भाग्य से उस क्षेत्र के लोगों को उस बांध से कुछ नहीं मिला। बल्कि जब बांध बना तो मीरपुर से विस्थापित हुए लोग लंदन जाकर बस गए। जो रह गए उन्हें मिली गरीबी और तंगहाली। क्योंकि बिजली का उपभोग तो पहाड़ों से नीचे बसे लोग ही कर सकते हैं और नदियों के बहाव को जबरन मोड़ने से जब भी बाढ़ आती है तो पानी गाँवों की ओर पूरे वेग से दौड़ता है।
 
 
 

यही काम पाकिस्तान की सरकार ने गिलगित बल्तिस्तान में किया है। उस क्षेत्र में पाकिस्तान ने तरबेला डैम बनाया जिससे हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि बर्बाद हो गई लेकिन पाकिस्तानी सरकार नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर प्रोविंस को 6.5 अरब रुपए देती है जबकि इसके असली हकदार गिलगित के लोग होने चाहिए थे। इस क्षेत्र की नदियों का बिजली उत्पादन के लिए उपयोग तो किया जाता है लेकिन यहाँ के लोगों को उसका लाभ नहीं मिलता। जहाँ लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं, वहीं स्कर्दू और भाषा में भी पाकिस्तान बड़े-बड़े डैम बना रहा है।