बड़गाम में हुई आरपीएफ सिक्योरिटी मीटिंग, फिर घबराये उमर अब्दुल्ला, मीटिंग में 4 महीने का राशन जमा करने और फैमिली को घर भेजने का सुझाव
   28-जुलाई-2019
 
 
शनिवार को जम्मू कश्मीर के बड़गाम में रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के अधिकारियों की आज एक इमरजेंसी मीटिंग हुई। जिसमें कश्मीर घाटी में चल रहे हालात और लॉ-ऑर्डर की स्थिति को लेकर चर्चा की गयी। इस मीटिंग में आरपीएफ के अधिकारियों ने रेलवे कर्मचारियों को एहतियातन कुछ सुझाव दिये हैं। जिसके मुताबिक कुछ सुझाव इस प्रकार हैं:
 
 
1. सभी कर्मचारियों को किसी भी इमरजेंसी स्थिति से निपटने के लिए कम से कम 4 महीने का सूखा राशन जमा करने को कहा गया है।
 
 
2. कम से कम 7 दिन के इस्तेमाल लायक पानी स्टोर करके रखें।
 
 
3. स्टाफ इमरजेंसी के लिए पिठ्ठू बैग तैयार करके रखें। जिसमें चॉकलेट, बिस्किट, पानी और पैसा इत्यादि सभी चीजें हों।
 
 
4. सभी गाड़ियों में फ्यूल भरवाकर रखा जाये। गाड़ियों को छिपाकर पार्क करें, क्योंकि कोई इनमें तोड़फोड़ न कर सके और गैर-ज़रूरी मूवमेंट न करें।
 
 
5. इमरजेंसी की स्थिति में स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी जायें ।
 
 
6. अगर किसी कर्मचारी का परिवार कश्मीर घाटी में है, उसे घर वापिस भेज दिया जाये। अगर कोई लोकल कर्मचारी का परिवार साथ में है तो उसे भी रिमोट एरिया में घर पर भेज दिया जाये।
 
 
इसके अलावा इस मीटिंग में ट्रेन की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर कुछ सुझाव दिये गये हैं।
 
 
 


 
हालांकि ये किसी भी इमरजेंसी सिचुएशन से निपटने के लिए रूटीन मीटिंग थी, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला इस मीटिंग की खबर सामने आने पर फिर से बैचेन हो गये हैं और ट्विटर पर इस मीटिंग को उल्टे डराने की कोशिश करार दे दिया है।
 
 
 
 
इससे पहले खबर आयी थी कि कश्मीर घाटी में पहले पंचायत चुनाव, फिर लोकसभा चुनाव और अब अमरनाथ यात्रा सफलतापूर्वक होने पर पाकिस्तान परस्त आतंकी निराश हैं। लिहाजा आतंकी कश्मीर घाटी में एक और बड़े हमले की योजना बना रहे हैं। इसी से निपटने के लिए कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों की अतिरिक्त कंपनियां तैनात की जा रही हैं। लेकिन कश्मीर के नेता इसको आर्टिकल 35ए से जोड़कर घाटी में डर का माहौल बनाने की कोशिश में लगे हैं।