कराची में है दाऊद इब्राहिम, लंदन कोर्ट में यूएस गवर्नमेंट ने किया खुलासा, पाकिस्तान के खिलाफ भारत का दावा हुआ मज़बूत
   03-जुलाई-2019
 
 
भारत लगातार कहता रहा है कि दाऊद इब्राहिम आईएसआई की मदद से कराची में रहकर अपना सिंडिकेट चला रहा है, लेकिन पाकिस्तान हमेशा इसको नकारता रहा है। लेकिन लंदन की एक कोर्ट में दाऊद इब्राहिम के खासमखास जाबिर मोती के प्रत्यर्पण केस में यूएस गवर्नमेंट ने सबूत दिये कि दाऊद इब्राहिम कराची पाकिस्तान में है। वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स की कोर्ट में यूएस गवर्नमेंट के वकील जॉन हार्डी ने कहा कि- एफबीआई न्यूयॉर्क में डी-कंपनी के केस को लेकर छानबीन कर रही है, जोकि इंडिया, पाकिस्तान और यूएई में धंधा चलाता है। इनका मुखिया दाऊद इब्राहिम है, जोकि इंडियन मुस्लिम भगोड़ा है। जोकि अपने भाई के साथ 1993 में भारत से भागा था। ये पिछले 10 सालों से अमेरिका में मनी-लॉन्ड्रिंग और एक्सटॉर्शन के धंधे से जुड़ा है। जाबिर मोतीवाला सीधे दाऊद को रिपोर्ट करता है, जिसका मुख्य काम मनी-लॉन्ड्रिंग, पैसों के लेन-देन और एक्सटॉर्शन का है।
 
 
यूएस सरकार इसी जाबिर मोतीवाला के प्रत्यर्पण के लिए लंदन कोर्ट में अपील कर रही है। जोकि फिलहाल लंदन पुलिस की हिरासत में है, जाबिर को पिछले साल लंदन में गिरफ्तार किया गया था। मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग्स कारोबार से जुड़े कई मामलों में जाबिर मोती यूएस में वांछित है, लिहाजा यूएस सरकार प्रत्यर्पण की कोशिशों में जुटी है।
 
 
 
 
 लंदन स्थित  वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स कोर्ट
 
 
कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस के वकील लिएना बेज़ेंट ने कोर्ट प्रत्यर्पण की अपील को पढ़ते हुए बताया कि- जाबिर डी-कंपनी का टॉप-लेफ्टिनेंट है, टेररिज्म, ड्रग्स औऱ हथियारों के धंधे में शामिल है। जाबिर पाकिस्तान में यूएस सरकार के खुफिया एजेंट को अपने धंधे की बात कबूल कर चुका है। जिसमें उसने बताया कि कैसे वो साउथ एशिया, मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के जरिये अपना काला कारोबार चलाता है। जज मार्गोट कोलमैन ने इस केस की सुनवाई फिलहाल 28 अगस्त तक टाल दी है।
 
 
लेकिन इस केस के जरिये एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का पक्ष मजबूत हुआ है, क्योंकि यूएस गवर्नमेंट ने लंदन की कोर्ट में सीधे तौर पर माना है कि कराची में रहते हुए दाऊद इब्राहिम कैसे साउथ एशिया में अपने काले कारोबार को चला रहा है।