ईडी ने जब्त की अलगाववादियों के फंडरेज़र साथी ज़हूर अहमद वताली की संपत्ति
   01-अगस्त-2019


 
जम्मू कश्मीर में हाफिज सईद और आईएसआई से फंड लेकर अलगाववादियों तक पहुंचाने वाले कश्मीरी बिजनेसमैन पर ईडी ने फिर से कार्रवाई की है। प्रवर्तन निदेशालय ने प्रिवेंशन ऑफ मनी-लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत बिजनेसमैन जहूर अहमद वताली की 1.73 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है। ईडी इससे पहले भी मार्च के पहले हफ्ते में जहूर वताली के गुरूग्राम स्थित बंगले पर छापा मारकर 7 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। टेरर फंडिंग केस में जांच में पता चला था कि हाफिज सईद और आईएसआई वताली के जरिये ही पैसा कश्मीर वैली में अलगावावादियों तक पहुंचाते थे। जिसका इस्तेमाल घाटी में पत्थरबाज़ी और आतंकवाद को फैलाने के लिए होता था।
 


 
 
 
क्या है पूरा मामला ?
 
दरअसल जम्मू कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढावा देने में दिल्ली स्थित पाकिस्तान हाई कमीशन सीधे तौर पर शामिल है। टेरर फंडिंग केस में चल रही एनआईए की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है। दरअसल टेरर फंडिंग की जांच के दौरान पता चला था कि एक अलगाववादी नेता को पाकिस्तान से 7 करोड़ फंड मिला, ताकि कश्मीर में समस्या बढ़ाई जा सके। इसी जांच को आगे बढ़ाते हुए इन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने गुरूग्राम में एक कश्मीरी बिजनेसमैन जहूर अमहद शाह वताली के 1 करोड़ के घर पर छापा मारा था, जिसमें मिले डॉक्यूमेंट और बाकी सबूतों से खुलासा हुआ कि मनी-लॉन्ड्रिंग के जरिये वो हुर्रियत लीडर्स तक फंडिंग में शामिल था। ईडी ने वताली की 7 करोड़ की संपत्ति अटैच कर दी है।
 
 
इसके बाद जांच में खुलासा हुआ कि बिजनेसमैन वताली हाफिज सईद, आईएसआई और सीधे तौर पर पाकिस्तान हाई कमीशन से पैसा मिल रहा था। जिसको वो सीधे अलगाववादी नेताओं और पत्थरबाज़ों तक पहुंचा रहा था। इसके डॉक्यूमेंट्स नुमा सबूत कश्मीरी बिजनेसमैन वताली के अकाउंटेंट गुलाम मोहम्मद भट के घर पर छापा मारने के बाद मिले।
 
ईडी के मुताबिक पाकिस्तान हाई कमीशन के अधिकारी द्वारा पैसा मिलने के बाद और हुर्रियत लीडर्स तक पैसा पहुंचाने के बाद वताली अपने सिग्नेचर के साथ एक ऑफिशियल रिकॉर्ड मेंटेन कर रहा था, ताकि उसको कानूनी तौर पर जायज बनाया जा सके। वताली और इससे जुड़े 9 लोग अब तक गिरफ्तार किये जा चुके हैं। जो इस वक्त तिहाड़ जेल में हैं।