POJK में फिर सक्रिय हुए आतंकी
   10-अगस्त-2019

 
पाकिस्तान ने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) और जम्मू-कश्मीर से लगते अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तत्काल दर्जन भर आतंकी शिविर फिर से सक्रिय कर दिये हैं। शीर्ष खुफिया सूत्रों के मुताबिक पिछले हफ्ते से नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लगे पीओजेके क्षेत्र के कोटली, रावलकोट, बाग और मुजफ्फराबाद में आतंकी शिविर प्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तानी सेना के सहयोग से दोबारा सक्रिय हो गए हैं। जिसे देखते हुए भारतीय सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
 
पेरिस स्थित यूएन की संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के अनुसार मई 2019 तक ये आंतकी शिविर पूरी तरह से बंद हो गये थे।
 
 
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने दो दिन पहले संसद के संयुक्त सत्र में बयान दिया था कि भारत में अब अगर पुलवामा जैसा हमला होता है, तो इसके लिए इस्लामाबाद जिम्मेदार नहीं होगा। इमरान खान के बयान से ये साफ है कि उन्होंने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) को प्रशिक्षण शिविर और लॉन्च पैड दोबारा सक्रिय करने कि खुली छूट दी है।
 
 
खुफिया रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और तालिबान के लगभग 150 सदस्य कथित तौर पर कोटली के निकट फागूश, कुंड शिविरों और मुजफ्फराबाद क्षेत्र में शवाई नाला और अब्दुल्ला-बिन-मसूद शिविरों में इकठ्ठा हुए हैं। खुफिया रिपोर्ट्स के अनुसार जैश-ए-मोहमम्द प्रमुख मौलाना मसूद अजहर का भाई इब्राहिम अतहर भी पीओजेके क्षेत्र में देखा गया है।
 
 
रक्षा मंत्रालय में उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि इस समय घाटी में मौजूद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। बैठक में इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक अरविंद कुमार, जम्मू- कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह और सेना के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। अजीत डोभाल ने जम्मू-कश्मीर पर सरकार के साहसिक निर्णयों के बाद सुरक्षा रणनीति तथा सीमा पार से आतंकी खतरों पर चर्चा की।
 
 
पिछले हफ्ते केरन सेक्टर पर भारतीय सेना ने 5 घुसपैठियों को मार गिराया था। खबरों के मुताबिक खैबर पख्तूनख्वा में तालिबानी आतंकियों की जड़े मजबूत है। आतंकवादी शिविर जंगल मंडी, शिंकरी, बोई, गढी हबीबुल्ला, अंधेरा बेला और अन्य जगहों पर स्थित है। सूत्रों के मुताबिक कुछ शिविर ध्वस्त हो गये और कुछ शिविरों में अभी कोई गतिविधि नहीं देखी गई है। लेकिन आतंकवादी गतिविधियां अभी भी चालू है।