पाकिस्तान को लगा जोरदार झटका, आतंकी संगठनों की मदद करने के कारण एपीजी ने किया ब्लैक लिस्ट
   23-अगस्त-2019

 
आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के एशिया-प्रशांत समूह एशिया पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) ने शुक्रवार को ब्लैक लिस्ट कर दिया। पिछले साल भी एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में स्थान देते हुए निर्देश दिया था कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे। लेकिन पाकिस्तान ने इसके बावजूद आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
 
संस्था के एशिया पैसिफिक ग्रुप (एपीजी) ने अपनी जांच में पाया कि पाकिस्तान आतंकी वित्तीय मदद और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने लिए बने 40 में से 32 मानकों का पालन नहीं कर रहा था। इसके अलावा पाकिस्तान टेरर फंडिंग के खिलाफ सुरक्षा उपायों के 11 मापदंडों में से 10 को भी पूरा नहीं कर सका। जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा में हुई बैठक में एशिया पैसिफिक ग्रुप ने पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डालने का फैसला लिया।
 
ब्लैक लिस्ट देशों को नहीं मिलता कर्ज
 
ब्लैक लिस्ट होने वाले देशों को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व बैंक और यूरोपीय संघ कर्ज देने से इंकार कर देता है। दरअसल एफएटीएफ जिस भी देश को ब्लैक लिस्ट करता है, उस देश को कोई बैंक जल्दी कर्ज नहीं देता। वहीं दूसरे देश ब्लैक लिस्ट हुए देश में निवेश भी नहीं करते।
 
क्या है ग्रे लिस्ट ?
 
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को जिस देश के ऊपर संदेह होता है कि वो देश आतंकी संगठनों कि आर्थिक रुप से मदद करता है। उस देश को संस्था ग्रे लिस्ट में डाल देती। ग्रे लिस्ट में होने के बाद भी अगर वो देश आतंकियों की मदद करना नहीं छोड़ता, तो संस्था उस देश को ब्लैक लिस्ट में कर देती है।
 
एफएटीएफ क्या है ?
 
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स अर्थात वित्तीय कार्रवाई कार्य बल इसका गठन 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के उद्देश्य से हुआ था। 2001 में इसके कार्यक्षेत्र का विस्तार करते हुए आतंकवाद को धन प्राप्त होने से रोकने वाली नीतियों को भी इसमें शामिल किया गया था। इसका मुख्यालय पेरिस में स्थित है। इसमें 37 देशों के सदस्य है, जिसमें भारत भी शामिल है। संस्था जिस देश को ब्लैकलिस्ट में करती है, उस देश को किसी भी प्रकार का अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग मिलना बंद हो जाता है, इससे उस देश की अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर पड़ता है।
 
गौरतलब है कि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिती बहुत खराब है। बीते कुछ दिन पहले अमेरिका ने भी पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता में 440 मिलियन डॉलर कि कटौती की है। अब ऐसे स्थिती में एफएटीएफ के द्रारा ब्लैक लिस्ट में करने के बाद पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ज्यादा खराब हो सकती है।