J&K: गुज्जर-बक्करवाल समुदाय की पहली लड़की ने पास की मेडिकल परीक्षा, ऊधमपुर के बुक-बाइंडर बने सिविल सर्वेन्ट
   26-अगस्त-2019
 
 
 
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले की रहने वाली इरमिम शमीम ने ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एम्स) की जून में हुई प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण हो गई। ये खबर इसीलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इरमिम जम्मू कश्मीर के पिछड़े समुदाय गुज्जर बक्करवाल की पहली लड़की हैं, जिसने मेडिकल की परीक्षा पास की है। इसके अलावा ऊधमपुर के सुरेश ने कश्मीर प्रशासनिक सेवा में 10 वीं रैंक प्राप्त की।
 
राजौरी जिले के धनोर गांव की रहने वाली इरमिम सभी प्रतिकूल परिस्थितियों को हराकर, कड़ी मेहनत से अपने सपने को पूरा किया है। इरमिम एक साधारण परिवार से आती है, वो हर दिन करीब 10 किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाती थी। क्योंकि गांव के आस-पास कोई अच्छा स्कूल नहीं था, जहां वो अपनी पढ़ाई कर सके।
 
इरमिम ने कहा चुनौतियों से लड़ना होगा।

 एएनआई न्यूज एजेंसी से बात करते हुआ कहा कि “सभी के जीवन में कुछ न कुछ समस्या है। लेकिन आपको चुनौतियों से लड़ना होगा और सफलता निश्चित रूप से आपके पास आएगी”
 
इरमिम के एम्स प्रवेश परिक्षा पास करने से उनका पूरा परिवार बहुत खुश है। परिवार चाहता है कि उनके घर की बेटी एक सफल डाक्टर बने और जम्मू-कश्मीर के साथ पूरे देश की सेवा करें।
 
 
वहीं एएनआई न्यूज एजेंसी से बात करते हुए इरमिम के चाचा लियाकत चौधरी ने इरमिम की सफलता पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर की लड़कियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाई है।
 

 
 
राजौरी के जिला विकास आयुक्त एजाज असद ने भी इरमिम के उपलब्धि की सराहना की । उन्होंने इरमिम को भविष्य में पढ़ाई जारी रखने के लिए हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
 
वहीं दूसरी तरफ उधमपुर के सुरेश सिंह ने कश्मीर प्रशासनिक सेवा में 10 वीं रैंक प्राप्त की। सुरेश बुक-बाइंडर का काम करते है। सुरेश ने एएनआई से बात करते हुए बताया कि यह लंबी प्रक्रिया थी, लेकिन वे हार नहीं माने और लगातार प्रयास करते रहे।
 
 
सुरेश ने कहा पिता है प्रेरणास्त्रोत
 
सुरेश ने अपने पिता को अपना प्रेरणास्रोत बताया। सुरेश ने कहा कि पिता का सपना था कि मुझे अच्छी नौकरी मिले। इसलिए मैंने उनके सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात पढ़ाई की।