#Historical जम्मू कश्मीर के संबंध में नया "राष्ट्रपति का आदेश" लागू, जिसने बदल दी राज्य की संवैधानिक, भौगोलिक और राजनीतिक पहचान
   05-अगस्त-2019
 
 
 
 5 अगस्त, 2019 का दिन देश के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया। जब जम्मू कश्मीर के संबंध में भारत के राष्ट्रपति ने आज एक नया आदेश जारी किया, जिसके बाद जम्मू कश्मीर की स्थिति हमेशा के लिए बदल गयी। इसी के साथ अनुच्छेद 370 में संशोधन और राज्य के पुनर्गठन होने का रास्ता साफ हो गया। 
 
 
 
(जम्मू और कश्मीर में लागू) आदेश, 2019
 
 
 
इसके तहत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 14 मई 1954 से लागू राष्ट्रपति के आदेश (प्रेजिडेंशियल ऑर्डर) को निरस्त कर दिया।
इसी के साथ ही 1954 के आदेश में समय समय पर हुए तमाम संशोधन भी निरस्त हो गये।
 
इसको निरस्त करने के लिए जो नया ऑर्डर जारी किया गया है, उसका नाम है संविधान (जम्मू और कश्मीर में लागू) आदेश, 2019।
 
 
अब इस नये आदेश के तहत भारत के संविधान के सभी अनुच्छेद राज्य में लागू हो जायेंगे, इसके साथ वो संशोधन भी लागू होंगे, जो समय-समय पर संविधान में किये गये। यानि भारत का संविधान जम्मू कश्मीर में ऐसे ही लागू होगा जैसा कि अन्य राज्यों में।
 
 
इस आदेश को पारित करने के लिए भारत के राष्ट्रपति ने अनुच्छेद 370 में निहित उन्हीं शक्तियों का इस्तेमाल किया है। जिसका इस्तेमाल कर भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 1950, 1952 और 1954 का आदेश जारी किया था।
 
 
यहां गौर करने वाली बात ये है कि अब तक जो भी कानून भारत की संसद बनाती थी, उसको, जम्मू कश्मीर राज्य को छोड़कर, बनाया जाता था। इस आदेश के बाद तमाम नये कानून जम्मू कश्मीर में अन्य राज्यों के साथ बिना किसी बाधा के लागू होंगे।
 
 
जम्मू कश्मीर राज्य संवैधानिक रूप से अन्य राज्यों की तरह बराबरी के दर्जें पर आ गया है।
 
 
इससे पहले राज्य के राज्यपाल को सदर-ए-रियासत के नाम से संबोधित किया जाता था। अब शब्दावली हटाकर जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के तौर पर संबोधित किया जायेगा।
 
जम्मू कश्मीर के संबंध में गृहमंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में 2 संशोधन बिल पेश किये हैं। जिसपर पर राज्यसभा में फिलहाल बहस चल रही है।
 
 
पहला बिल- अनुच्छेद 370 से संबंधित इस बिल में इस अनुच्छेद के क्लोज़ 2 और 3 को खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया है। यानि इसके बाद अनुच्छेद 370 में सिर्फ क्लोज़-1 रह जायेगा।
 
 
दूसरा बिल- दूसरा बिल जम्मू कश्मीर राज्य के पुनर्गठन से संबंधित है। इस बिल के मुताबिक 2 नये केंद्रशासित प्रदेशों के गठन का प्रस्ताव रखा गया है।
 
 
1. पहला केंद्रशासित प्रदेश होगा, जम्मू और कश्मीर: इस राज्य में दिल्ली की तरह विधानसभा होगी।
 
 
2. दूसरा होगा, लद्दाख: लक्षद्वीप की तरह केंद्रशासित प्रदेश होगा, कोई विधानसभा नहीं होगी।
 
आर्टिकल 35A- संविधान (जम्मू और कश्मीर में लागू) आदेश, 2019 के लागू होते ही आर्टिकल 35A स्वत: खत्म हो गया।