कांग्रेसी अधीर रंजन चौधरी का लोकसभा में देशविरोधी बयान- “यूएन की देखरेख में हैं कश्मीर, ये भारत का अंदरूनी मुद्दा नहीं”
   06-अगस्त-2019
 
 

लोकसभा मे कांग्रेस ने आज साफ कर ही दिया कि पिछले 70 सालों वो जम्मू कश्मीर पाकिस्तान के झगड़े में क्यों फंसा रहा। कांग्रेस दरअसल जम्मू कश्मीर का अंदरूनी हिस्सा मानती ही नहीं, जिसको विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में दोहराया भी। अधीर रंजन चौधरी ने अमित शाह से पूछते हुए कहा कि- “आप कहते हैं ये (जम्मू कश्मीर) अंदरूनी मुद्दा है, लेकिन ये 1948 से यूएन की निगरानी में है, क्या ये अंदरूनी मुद्दा हुआ। हमने पाकिस्तान के साथ शिमला समझौता और & Lahore Declaration किया। तो फिर ये भारत का अंदरूनी मुद्दा कैसे हुए ।“
 
 
 
 
 
यानि कांग्रेस का आधिकारिक मत रखते हुए कांग्रेस ने साफ कर दिया कि वो जम्मू कश्मीर को विवादित हिस्सा मानते हैं, जिसमें पाकिस्तान की पक्षकार है।
 
 
लेकिन सच है ये कि 26 नवंबर 1947 को जब महाराजा हरि सिंह ने भारत के साथ अधिमिलन पत्र पर साइन किया। जम्मू कश्मीर तभी राजनीतिक, भौगोलिक और संवैधानिक रूप से भारत का हिस्सा बन गया। जोकि हज़ारों से साल सांस्कृतिक तौर पर भारत का न सिर्फ हिस्सा था, बल्कि आध्यतमिक और सांस्कृतिक केंद्र भी था।
 
इसी आधार पर भारत के संविधान निर्माताओं का भी यही सपना था कि जम्मू कश्मीर का अधिमिलन के बाद पूर्ण रूप से एकात्मक विलय हो जाये। 5 अगस्त को जब मोदी सरकार ने संविधान निर्माताओं के इस सपने को पूरा करने मौका दिया तो कांग्रेंस ने न सिर्फ संविधान निर्माताओं का अपमान किया है, बल्कि अपने कांग्रेस के संस्थापकों का भी।